फ्रांस के नए प्रधानमंत्री होंगे मिशेल बार्नियर, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दी जानकारी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मिशेल बार्नियर को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया कि बार्नियर को देश और फ्रांस की सेवा के लिए एक एकीकृत सरकार बनाने का काम सौंपा गया है। 70 साल के बार्नियर 2016 से 2021 तक यूरोपीय संघ (EU) से ब्रिटेन के बाहर निकलने की वार्ता का नेतृत्व कर चुके हैं।
कौन हैं बार्नियर?
9 जून, 1951 को जन्में बार्नियर फ्रांस की कंजर्वेटिव पार्टी लेस रिपब्लिकेंस (LR) के नेता हैं। वे 27 साल की उम्र में पहली बार सोवाई जिले से जीतकर संसद के लिए चुने गए थे। इसके बाद वे पर्यावरण मंत्री, फ्रांस के यूरोप मंत्री, EU के क्षेत्रीय नीति आयुक्त, विदेश मंत्री, कृषि मंत्री और EU के आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
आम चुनाव के 2 महीने बाद हुई नियुक्ति
इसी साल जून में फ्रांस में आम चुनाव हुए थे। इसके करीब 2 महीने बाद तक प्रधानमंत्री की नियुक्ति नहीं हुई थी, क्योंकि चुनावों में किसी को भी बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद मैक्रों ने कहा था कि नए प्रधानमंत्री के चयन तक मौजूदा सरकार ही देखरेख करेगी और ओलिंपिक खेलों के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। 12 अगस्त को ओलिंपिक खत्म होते ही मैक्रों पर प्रधानमंत्री नियुक्त करने का दबाव बढ़ने लगा था।
चुनावों में किसी को नहीं मिला था बहुमत
फ्रांस में 30 जून और 7 जुलाई को नेशनल असेंबली की 577 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। पहले चरण में दक्षिणपंथी पार्टी NR पहले, वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (NPF) दूसरे और मैक्रों का एनसेंबल गठबंधन तीसरे नंबर पर था। हालांकि, दूसरे चरण में बड़ा उलटफेर हुआ और NPF ने 182 सीटें जीत लीं। NR 143 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिला, क्योंकि उसके लिए 289 सीटें जीतना जरूरी है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने समय से पहले करवाए थे चुनाव
फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन मैक्रों ने समय से पहले ही संसद भंग कर दी थी। जून में हुए यूरोपीय संसद के चुनावी नतीजों में मैक्रों की पार्टी को 15 प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे, जबकि NR ने 31.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। ये नतीजे मैक्रों के लिए चौंकाने वाले रहे थे और उन्होंने संसद भंग कर मध्यावधि चुनावों का ऐलान कर दिया था।