इतिहास का सबसे गर्म महीना रहा मार्च, लगातार 10वां सबसे गर्म महीना भी रहा
जलवायु परिवर्तन और ग्रीन हाउस उत्सर्जन के चलते वैश्विक तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) के अनुसार, मार्च में वैश्विक औसत तापमान 14.14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक है। इससे पहले साल 2016 के मार्च में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी थी। इसके अलावा मार्च लगातार 10वां महीना रहा, जिसमें वैश्विक तापमान ने रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की है।
पिछले 12 महीने अब तक के सबसे गर्म
कॉपरनिकस के अनुसार, इस साल का मार्च महीने पिछले साल के महीने के मुकाबले 0.1 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था और साल 1850-1900 के बीच मार्च के औसत तापमान की तुलना में 1.68 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था। बता दें कि 1850-1900 के बीच की अवधि को पूर्व-औद्योगिक युग माना जाता है। इसके अलावा पिछले 12 महीने की अवधि अब तक का सबसे गर्म समय रहा है, जिसमें औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक तापमान की तुलना में 1.58 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।
C3S की उपनिदेशक बोलीं- हम बहुत चिंतित
C3S की उपनिदेशक सामंथा बर्गेस ने रॉयटर्स से कहा, "असाधारण रिकॉर्ड के साथ यह दीर्घकालिक प्रवृत्ति है, जिसने हमें बहुत चिंतित किया है। महीने दर महीने इस तरह के रिकॉर्ड देखने से पता चलता है कि वास्तव में हमारी जलवायु बदल रही है और तेजी से बदल रही है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी वैश्विक कार्रवाई की जरूरत है ताकि हम जल्द से जल्द नेट जीरो तक पहुंच सकें।"
क्यों बढ़ रहा है तापमान?
वैज्ञानिक तापमान बढ़ने का कारण मोटे तौर पर कोयले, तेल और प्राकृतिक गैस के जलने से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के उत्सर्जन जैसी मानव गतिविधियों को मानते हैं। एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए वुडवेल क्लाइमेट रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक जेनिफर फ्रांसिस ने कहा, "जब तक वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता जल्दी से जल्दी और स्थायी रूप से बढ़ना बंद नहीं हो जाती, तब तक स्थिति इसी तरह की रहेगी।"
समुद्री सतह के तापमान में भी बढ़ोतरी
मार्च में वैश्विक समुद्री सतह का तापमान औसतन 21.07 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक के इतिहास का सबसे उच्च स्तर है। समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी के पीछे अल नीनो प्रभाव को वजह माना जा रहा है।
दुनियाभर में हो रही अप्रत्याशित मौसमी घटनाएं
वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के चलते दुनियाभर में अप्रत्याशित मौसमी घटनाएं देखने को मिल रही है। वेनेजुएला में जंगलों में लगने वाली आग में रिकॉर्ड संख्या में बढ़ोतरी हुई है और दक्षिण अफ्रीका के कई हिस्सों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा है। रूस हालिया दशकों में सबसे खराब बाढ़ से जूझ रहा है और ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और फ्रांस के कुछ हिस्सों में भी असाधारण रूप से बारिश हुई है।