बेकार हो रही विजय माल्या की 17 बेडरूम, हेलीपैड और नाइट क्लब वाली फ्रांसीसी हवेली
क्या है खबर?
भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये डकारने के बाद लंदन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या पर कर्ज देने वाले बैंकों का शिकंजा कसता जा रहा है।
हाल में कर्ज देने वाले एक बैंक ने बताया कि फ्रांसीसी द्वीप पर स्थित माल्या की आलीशान हवेली, जिसमें 17 बैडरूम, हेलीपैड, नाइट क्लब और थियेटर है वह अब बेकार होती जा रही है।
ऐसे में बैंक चाहता है कि माल्या अपना छोटा क्रूज बेचकर उसका कर्ज चुकाए।
आरोप
माल्या ने नहीं चुकाया विदेशी बैंकों का भी कर्ज
भगौड़े माल्या ने भारत के बैंक ही नहीं बल्कि विदेशी बैंकों का भी कर्ज नहीं चुकाया है। उसने कर्ज की रकम का उपयोग आलीशान जिंदगी जीने में कर लिया।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, माल्या ने फ्रांसीसी द्वीप स्थित हवेली 'ले ग्रैंड जार्डिन' को साल 2008 में खरीदा था।
उन्होंने अपनी कंपनी गिजमो इंवेस्ट एसए के लिए जरिए कतर नेशनल बैंक (SAQ) की इकाई Ansbacher & Co से 30 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया था, लेकिन बाद में यह कर्ज नहीं चुकाया।
कर्ज
सितंबर 2015 के लिए बाकी था कर्ज- बैंक
बैंक ने कोर्ट को बताया कि माल्या को दिया गया कर्ज सितंबर 2015 के लिए बाकी था, लेकिन उससे पहले ही उसकी किस्मत ने करवट बदल ली।
एक ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय शराब कंपनी डाइजेओ ने माल्या पर 100 मिलियन डॉलर (करीब सात अरब रुपये) का दावा ठोंक दिया।
इसके अलावा भारतीय बैंकों की ओर से उन्हें कोर्ट में घसीटा गया। कोर्ट में बैंक का प्रतिनिधित्व कर रहे गिदोन सिराजी ने बताया कि इस हवेली की रखरखाव नहीं किया गया।
गिरता मूल्य
देखरेख के अभाव में कम होती जा रही है हवेली की कीमत
बैंक के प्रतिनिधि ने कोर्ट को यह भी बताया कि उस दौरान माल्या ने कर्ज को आगे बढ़ाने की भी अपील की थी।
उसके बाद बैंक टीम ने उनकी संपत्तियों की जांच की, लेकिन जांच में सामने आया कि रखरखाव के अभाव में उनकी संपत्तियों का कीमत 10 मिलियन यूरो (करीब 75 करोड़ रुपये) तक कम हो गई थी।
ऐसे में बैंक चाहता है कि कोर्ट माल्या को अपना 50 मीटर लंबा सुपर यॉच बेचकर कर्ज चुकाने का आदेश दे।
संशय
पहले ही जब्त हो चुका है यॉच
माल्या को कर्ज देने वाला बैंक भले ही उनका यॉच बेचकर कर्ज की पूर्ति करना चाह रहा हो, लेकिन यह मुमकिन नहीं है।
इसके पीछे कारण यह है कि उस यॉच को बीमा कंपनी की ओर से पहले ही जब्त किया जा चुका है।
कंपनी ने चालक दल के सदस्यों के वेतन का भुगतान नहीं किए जाने पर वर्ष 2018 में यॉच को अपने अधिकार में ले लिया था।
ऐसे में अब हवेली बेचकर ही कर्ज चुकाया जा सकता है।
मामला
लंदन में रह रहे माल्या पर है मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
विजय माल्या देश के प्रसिद्ध शराब कारोबारी और बंद हो चुकी एयरलाइंस किंगफिशर के मालिक है।
उसने एयरलाइंस चलाने के लिए बैंकों से हजारों करोड़ों का कर्ज लिया था, लेकिन घाटा लगने के कारण वह उसे नहीं चुका सका। वह फिलहाल लंदन में है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में भारतीय बैंकों के संघ ने उन पर 9,000 करोड़ के कर्ज का दावा ठोका है।
वर्ष 2018 में ब्रिटेन की अदालत ने उनके प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी थी।
अपील
माल्या को मिल गई थी प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की अनुमति
वर्ष 2018 में उसके प्रत्यर्पण की अनुमति दिए जाने के बाद जुलाई, 2019 में ब्रिटेन की एक उच्च अदालत ने उन्हें प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी थी।
इस पर माल्या ने अपील दायर कर दी। फरवरी 2020 में माल्या की उस अपील पर सुनवाई होगी।
उसके बाद भी उनके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ होगा। ऐसे में माल्या को आर्थर रोड जेल में कैद करने के लिए भारत को अभी लंबी लड़ाई लड़नी होगी।