विजय माल्या का ऑफर, कहा- मुझसे पैसा लेकर जेट एयरवेज को बचा लो
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने मंगलवार को भारतीय बैंकों से निवेदन किया कि वह उसका पैसा ले लें और नकदी की तंगी से जूझ रही जेट एयरवेज को बचा लें। माल्या ने ट्वीट कर बैंकों से यह अनुरोध किया। इस बीच उसने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेट एयरवेज को बचाने के लिए सरकारी बैंक आगे आ रहे हैं, लेकिन उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को उन्होंने डूबने दिया। बता दें कि माल्या अभी इंग्लैंड में रह रहा है।
माल्या पर है 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज
बता दें कि माल्या पर अलग-अलग बैंकों का कुल 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसे चुकाने की बजाय वह देश से भाग गया था। फिलहाल इंग्लैंड की एक कोर्ट में उसके भारत प्रत्यर्पण पर सुनवाई हो रही है।
'मेरा पैसा क्यों नहीं ले रहे बैंक'
माल्या ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं फिर से दोहराता हूं कि मैंने बैंकों का कर्ज उतारने के लिए सम्माननीय कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने अपनी तरल संपत्ति रखी हुई है। बैंक मेरा पैसा क्यों नहीं लेतीं? ये उन्हें जेट एयरवेज को बचाने में मदद करेगा।" उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, "खुशी हुई कि सरकारी बैंकों ने जेट एयरवेज को बेलआउट करते हुए नौकरियां, कनेक्टिविटी और उद्यम को बचा लिया। काश, उन्होंने किंगफिशर के लिए भी ऐसा किया होता।"
माल्या का सवाल- मेरा पैसा क्यों नहीं ले रही बैंक
NDA सरकार पर लगाया दोहरे मापंदड का आरोप
अपने अगले ट्वीट में माल्या ने केंद्र की NDA सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा, "मैंने कंपनी और इसके कर्मचारियों को बचाने के लिए किंगफिशर एयरलाइन्स में 4000 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसे कुछ नहीं समझा गया, बल्कि कंपनी को हर तरीके से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। इन्हीं सरकारी बैंकों ने सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों वाली भारतीय की सबसे अच्छी एयरलाइन को असफल होने दिया। NDA सरकार के दोहरे मापदंड।"
NDA सरकार के दोहरे मापदंड- माल्या
'भाजपा ने लगाया गलत आरोप'
माल्या ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के लिए मीडिया ने उनकी तीखी आलोचना की, वहीं भाजपा प्रवक्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए उनके पत्रों को चतुराई से पढ़ते हुए सरकारी बैंकों के UPA सरकार के राज में गलत तरीके से किंगफिंशर एयरलाइन्स की मदद करने का आरोप लगाया। बता दें कि जेट एयरवेज किफायती एयरलाइन्स, कमजोर रुपये और कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के कारण भारी संकट से गुजर रही है।
मोदी को पत्र लिखने के लिए मीडिया ने मेरी तीखी आलोचना की- माल्या
जेट एयरवेज में आखिर क्या हो रहा है?
इस प्रतिस्पर्धा में जेट एयरवेज ने अपने किराए कम कर दिए थे। लेकिन जेट फ्यूल पर भारी टैक्स और यात्रियों द्वारा खाने और मनोरंजन पर प्रीमियम चुकाने में कोताही के कारण उसकी कमाई में गिरावट आई। कंपनी पर 7,299 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसी संकट से उसे निकालने के लिए बैंकों ने कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लिया है। कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन नरेश गोयल ने हाल ही में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दिया है।