रहने के मामले में ये हैं दुनिया के सबसे अच्छे और सबसे बुरे शहर

'द इकोनॉमिस्ट' ने रहने के हिसाब दुनिया के सबसे अच्छे और खराब शहरों की सूची जाहिर की है। 'ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2022' नामक इस सूची में शीर्ष 10 शहरों में से छह अकेले यूरोप के हैं। सूची में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है और उसका एक भी शहर शीर्ष 100 शहरों में शामिल नहीं है। 112वीं रैंक के साथ दिल्ली भारत का सबसे अधिक रहने योग्य शहर है, वहीं 117वीं रैंक के साथ मुंबई दूसरे स्थान पर है।
द इकोनॉमिस्ट की इस रैंकिंग में ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना को पहला स्थान मिला है और रहने के हिसाब से वो दुनिया का सबसे अच्छा शहर है। विएना ने दो साल बाद शीर्ष पर वापसी की है और वह 2018 और 2019 में भी इस सूची में शीर्ष पर रहा था। विएना ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर का स्थान लिया जो पिछले साल सबसे अधिक रहने योग्य शहर था। ऑकलैंड इस बार 34वें स्थान पर पहुंच गया है।
रहने के हिसाब से अन्य अच्छे शहरों की बात करें तो शीर्ष 10 में विएना के बाद डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन का नंबर है। इसके बाद स्विट्जरलैंड के ज्यूरिक, कनाडा के कैलगरी और वैंकूवर, स्विट्जरलैंड के जेनेवा, जर्मनी के फ्रैंकफर्ट, कनाडा के टोरंटो, नीदरलैंड के एम्स्टर्डम, जापान के ओसाका और ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न का नंबर है। ओसाका और मेलबर्न दोनों सूची में संयुक्त रूप से दसवें स्थान पर हैं।
रहने के मामले में सबसे बुरे शहरों की बात करें तो सीरिया की राजधानी दमिश्क इस मामले में सबसे पीछे है। सीरिया पिछले लगभग एक दशक से गृह युद्ध से जूझ रहा है। ईरान की राजधानी तेहरान और बांग्लादेश की राजधानी भी 10 सबसे खराब शहरों में शामिल हैं। सूचकांक में कहा गया है कि 10 सबसे बुरे शहर लगभग पहले वाले ही हैं और किसी नए शहर का नाम इसमें नहीं जुड़ा है।
अन्य शहरों की बात करें तो फ्रांस की राजधानी पेरिस को रहने के लिए 19वां सबसे अच्छा शहर बताया गया है। उसने पिछले साल के मुकाबले 23 स्थानों की छलांग लगाई है। बेल्जियम की राजधानी 24वां सबसे अच्छा शहर है, वही यूनाइटेड किंगडम (UK) की राजधानी लंदन 33वें स्थान पर है। स्पेन के बार्सिलोना और मैड्रिड क्रमशः 35वें और 43वें स्थान पर हैं। इटली का मिलान 49वें, अमेरिका का न्यूयॉर्क 51वें और चीन की राजधानी बीजिंग 71वें स्थान पर हैं।
रूस के हमले के कारण यूक्रेन की राजधानी कीव को इस बार रैंकिंग में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा लेबनान की राजधानी बेरूत को भी 2020 में बंदरगाह पर हुए भीषण धमाके के कारण सूची में शामिल नहीं किया गया।