अमेरिकाः फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिले के आरोप में 129 भारतीय छात्र गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
क्या है खबर?
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनका मंत्रालय अमेरिका में गिरफ्तार किए गए 129 भारतीय छात्रों के मामले को 'शीर्ष प्राथमिकता' दे रहा है।
ये छात्र अमेरिका में एक फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं।
इस घोटाले को 'पे-टू-स्टे' कहा जा रहा है। इसके तहत 130 विदेशी छात्रों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 129 भारतीय हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इन छात्रों ने अमेरिका में रहने के लिए फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था।
जानकारी
भारतीय विदेश मंत्रालय हुआ सक्रिय
अमेरिका में भारतीय छात्रों की गिरफ्तारी के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने गिरफ्तार छात्रों को कानूनी सहायता दिए जाने की मांग रखी है। इसके लिए हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।
ट्विटर पोस्ट
हेल्पलाइन नंबर जारी
For queries and assistance related to the detention of Indian students in the US, please contact our special 24/7 helpline. pic.twitter.com/iorYgZ5cxX
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 2, 2019
सवाल
इमिग्रेशन अटॉर्नी ने उठाए गिरफ्तारी पर सवाल
इमिग्रेशन अटॉर्नी ने जांच एजेंसियों द्वारा अपने फायदे के लिए गलत कदम उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन छात्रों को यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं थे और उन्हें जाल बिछाकर फंसाया गया है।
वहीं जांच अधिकारियों ने बताया कि छात्रों को इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी और उन्होंने अमेरिका में रुकने की खातिर स्टूडेंट वीजा को बनाए रखने के लिए इस यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि छात्र जानबूझकर इस फर्जीवाड़े में शामिल हुए।
मामला
क्या था पूरा मामला?
अमेरिकी गृह विभाग ने हाल ही में डेट्रॉयट के फार्मिंगटन हिल्स यूनिवर्सिटी में अभियान चलाकर इमिग्रेशन घोटाले का खुलासा किया।
इसी मामले में इमिग्रेशन नियमों के उल्लंघन के आरोप में 130 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।
इसे 'पे-टू-स्टे' घोटाला बताया जा रहा है। इसमें छात्रों ने फर्जी यूनिवर्सिटी से दस्तावेज पाने के लिए अपने नियोक्ताओं को पैसे दिए थे।
यह यूनिवर्सिटी बिना क्लास लगाए छात्रों को अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर रुकने में सहायता कर रही थी।
गिरफ्तारी
रैकेट चलाने वाले 8 लोग पहले हुए थे गिरफ्तार
अमेरिका अधिकारियों ने यह रैकेट चलाने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया था।
आरोप है कि ये सभी सैकड़ों विदेशी लोगों को गैर-कानूनी तौर पर अमेरिका में छात्र के रूप में रहने में मदद कर रहे थे। सभी को भारतीय या भारतीय-अमेरिकी बताया जा रहा है।
अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (ICE) ने इन सभी को वीजा फ्रॉड और लाभ के लिए विदेशियों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
फर्जी यूनिवर्सिटी
अधिकारियों ने मिशन के लिए बनाई फर्जी यूनिवर्सिटी
इस रैकेट का पर्दाफाश होमलैंड सिक्योरिटी इंवेस्टिगेशन (HSI) ने किया है।
इसके लिए HSI एजेंट्स ने 2015 में गुप्त मिशन 'पेपर चेज' के तहत एक फेक फार्मिंगटन यूनिवर्सिटी की शुरुआत की।
आरोपियों ने प्रवासियों को छात्र के तौर पर दिखाने और उन्हें अमेरिकी अधिकारियों की नजर से बचाने के लिए इसी यूनिवर्सिटी में नामांकन किया।
आरोपियों ने सैकड़ों विदेशी प्रवासियों का झूठा शैक्षिक रिकॉर्ड बनाने और इमिग्रेशन से संबंधित दस्तावेज हासिल करने में मदद की।