कोरोना वायरस को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने वाले WHO के बारे में कितना जानते हैं आप?
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया था। कोरोना वायरस के शुरू होने से लेकर ही WHO लगातार इसे लेकर बैठक कर स्थितियों पर नजर बनाए हुये था। WHO पिछले कई दिनों से लगातार खबरों में बना हुआ है। इसलिए आज हम आपको WHO के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
कब हुई थी शुरुआत?
साल 1945 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन की स्थापना को लेकर चर्चा हुई थी। तीन साल बाद 7 अप्रैल, 1948 में WHO का संविधान सामने आया। तब से लेकर यह दिन विश्व स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। WHO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित है। फिलहाल 150 देशों में लगभग 7,000 लोग इसके लिए काम कर रहे हैं। WHO स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिये काम करता है।
WHO का काम क्या है?
यह एक अंतर-सरकारी संगठन है जो सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के जरिए उनके साथ मिलकर काम करता है। WHO का मकसद लोगों को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज देना, स्वास्थ्य आपातकाल से बचाना और लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। इसके लिए WHO वॉलेंटियर को ट्रेनिंग देने, आपातकाल से बचने और इसके लिए नीतियों का निर्माण, आपातकाल की पहचान कर उससे निपटने के कदम तैयार करने, आपात स्थितियों में जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने समेत अन्य कई काम करता है।
किसके साथ मिलकर काम करता है WHO?
WHO सरकारों, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सिविल सोसायटी, फाउंडेशन, शिक्षाविदों और रिसर्च इंस्टीट्यूशन के साथ मिलकर अलग-अलग देशों में काम करता है। इसके रीजनल कार्यालय अफ्रीका, अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप, पूर्वी भूमध्य क्षेत्र और पश्चिमी प्रशांत में है और इसके कुल 194 सदस्य देश हैं।
कौन बन सकता है WHO का सदस्य?
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश WHO के संविधान को स्वीकार कर इसके सदस्य बन सकते हैं। जो देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं, लेकिन WHO से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में बहुमत हासिल करना होता है। यहां बहुमत मिलने पर वो WHO से जुड़ सकते हैं। ऐसे क्षेत्र, जिनके अंतरराष्ट्रीय संबंध कोई और देश संभालता है, वो एसोसिएट मेंबर के तौर पर WHO से जुड़ सकते हैं। इसके लिए सदस्य देशों को आवेदन देना होता है।
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली क्या है?
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली WHO के सारे निर्णय लेने वाली संस्था है। इसमें WHO के सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और ये एग्जीक्यूटिव बोर्ड द्वारा तैयार किए गए एजेंडे पर विचार करते हैं। असेंबली का मुख्य उद्देश्य संगठन की नीतियों का निर्धारण, महानिदेशक की नियुक्ति, आर्थिक नीतियों पर नजर रखना और बजट को स्वीकृति देना होता है। हर साल जेनेवा में इसकी सालाना बैठक होती है। इस साल यह बैठक 17-21 मई तक होगी।
एग्जीक्यूटिव बोर्ड में शामिल होते हैं 34 सदस्य
संगठन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 34 सदस्य होते हैं, जिनका चुनाव तीन सालों के लिए किया जाता है। हर साल जनवरी में एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक होती है। इस दौरान असेंबली की बैठक के लिए एजेंडा तैयार किया जाता है। इसका मुख्य काम असेंबली द्वारा लिए फैसलों और नीतियों के अनुपालन का होता है। इसके अलावा ये रोजाना के काम को लेकर सलाह देता है। फिलहाल डॉक्टर टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस WHO काे महानिदेशक हैं।
WHO के पास पैसा कहां से आता है?
WHO पूरी दुनिया में अपने अभियान चलाता है। ऐसे में उसे पैसे की जरूरत भी होती है। इसके पास पैसे आने के दो प्रमुख स्त्रोत हैं। पहला एसेस्ड कॉन्ट्रिब्यूशन होता है, जिसके तहत सदस्य देश एक तय रकम WHO को देते हैं। यह देश की जनसंख्या और आय पर निर्भर करता है। दूसरा स्त्रोत वॉलेंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन होता है, जिसमें सदस्य देशों द्वारा दिया गया पैसा, निजी संगठनों और व्यक्तियों से मिलने वाला दान शामिल होता है।
अमिताभ बच्चन रह चुके हैं गुडविल एंबेस्डर
WHO के महानिदेशक दो साल के लिए गुडविल एंबेस्डर नियुक्त करते हैं। ये कला, साहित्य, मनोरंजन, खेल और जीवन के दूसरे क्षेत्रों के जाने-माने चेहरे होते हैं, जो बीमारियों और सेहत समस्याओं और उनके समाधान के लिए काम करना चाहते हैं। ये WHO के साथ मिलकर लोगों के स्वास्थ्य और उनके जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करते हैं। अमिताभ बच्चन WHO के गुडविल एंबेस्डर रह चुके हैं।
भारतीय महिला हैं WHO की मुख्य वैज्ञानिक
WHO की डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन को पिछले साल WHO का मुख्य वैज्ञानिक नियुक्त किया गया था। सौम्या पहली भारतीय थीं, जो WHO में डिप्टी डायरेक्टर जनरल नियुक्त की गई थीं।