कनाडा: जस्टिन ट्रूडो की सरकार गिरने का खतरा, सहयोगी दल ने वापस लिया समर्थन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो राजनीतिक संकट में घिर गए हैं। यहां तक की उनकी सरकार भी गिर सकती है, क्योंकि जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। सिंह ने कहा कि वह दोनों के बीच 2022 में हुए समझौते को तोड़ रहे हैं। बता दें कि ट्रूडो को अल्पमत की सरकार को NDP ने 2022 से समर्थन दे रखा था। इसी वजह से ट्रूडो सरकार चला पा रहे थे।
क्या बोले जगमीत सिंह?
जगमीत ने कहा, "लिबरल बहुत कमजोर हैं, बहुत स्वार्थी हैं और लोगों के लिए लड़ने के लिए कॉर्पोरेट हितों के प्रति समर्पित हैं। वे बदलाव नहीं ला सकते, वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सकते। उन्होंने लोगों को निराश किया है। वे कॉर्पोरेट लालच पर अंकुश लगाने में विफल रहे हैं। हमारा संगठन ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो अगले चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की जीत की कोशिश को नाकाम कर सकती है।"
NDP ने क्यों वापस लिया समर्थन?
BBC के मुताबिक, कनाडा में रेलवे के 2 बड़े कामों को बंद करने पर मंत्रिमंडल ने सख्ती बरती थी। कथित तौर पर इसके बाद NDP ने सरकार से समर्थन वापस लेने की पहल शुरू की। हालांकि, हाल के महीनों में जगमीत ने ट्रूडो के साथ बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर खासी निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि ट्रूडो सरकार खाने-पीने के सामान की उच्च कीमतों से निपटने में विफल रही है।
क्या बोले ट्रूडो?
NDP के फैसले पर ट्रूडो ने कहा, "NDP राजनीति पर ध्यान देने के बजाय इस बात पर ध्यान केंद्रित रखे कि हम कनाडावासियों के लिए क्या कर सकते हैं, जैसा कि हमने पिछले वर्षों में किया है। मुझे उम्मीद है कि अगले चुनाव जून से पहले नहीं होने वाले हैं ताकि हमारी सरकार को फार्माकेयर, दंत चिकित्सा और स्कूल कार्यक्रमों पर काम करने का समय मिल सके।" बता दें कि कनाडा में अगले साल चुनाव होना है।
क्या गिर सकती है ट्रूडो की सरकार?
ट्रूडो पर तुरंत पद छोड़ने और नए सिरे से चुनाव कराने का खतरा नहीं है, लेकिन सरकार गिरने का जोखिम बना हुआ है। 16 सितंबर से संसद का कामकाज शुरू होगा। कंजर्वेटिव पार्टी चाहे तो इसमें अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है। अगर NDP मतदान से दूरी बना लेती है तो सरकार पर कोई खतरा नहीं है। अगर सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाती है तो कनाडा में समय से पहले चुनाव हो सकते हैं।
कौन हैं जगमीत सिंह?
जगमीत मूल रूप से पंजाब के बरनाला जिले के ठिकरिवाल गांव से हैं। 1993 में उनका परिवार कनाडा चला गया था। जगमीत खुले तौर पर खालिस्तान समर्थक हैं और ज्यादातर मामलों में उनका रुख भारत के खिलाफ ही रहा है। 1984 के सिख विरोधी दंगों को वे राज्य प्रायोजित जनसंहार बताते हैं। 2013 में अमृतसर आने के लिए भारत ने जगमीत को वीजा नहीं दिया था। बीते आम चुनावों में जगमीत की पार्टी ने 24 सीटें जीती थीं।