कनाडा: अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर अंकुश लगाएगी सरकार, भारतीय छात्रों पर भी होगा असर
क्या है खबर?
कनाडा में बढ़ते आवास संकट और बेरोजगारी को देखते हुए सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है। सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा की सरकार अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को सीमित करने की योजना बना रही है।
आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने इसके संकेत देते हुए कहा कि अगले कुछ महीनों में देश में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर अंकुश लगाने की संभावना पर विचार किया जाएगा।
बयान
अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर बोले मार्क- इनकी संख्या चिंताजनक
सीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में मिलर ने कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या के संदर्भ में कहा कि यह संख्या चिंताजनक है।
उन्होंने कहा, "यह वास्तव में एक ऐसी प्रणाली है, जो नियंत्रण से बाहर हो गई है। अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग शैक्षणिक संस्थान क्या कर रहे हैं, इस पर थोड़ी अधिक गंभीरता से विचार करने से पहले संघीय स्तर पर संख्याओं को सुलझाने की जरूरत है। इसके लिए प्रांतीय सरकारों से भी बात की जाएगी।"
संख्या
छात्रों की संख्या में कितनी कटौती होगी?
मिलर ने संख्या में कटौती का आंकड़ा और ये कबसे लागू होगा, इसे लेकर कोई बात नहीं कही है। हालांकि, उन्होंने बताया कि इस साल की पहली और दूसरी तिमाही में इस पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले सरकार ने बताया था कि वो इस साल 4.85 लाख अप्रवासियों को वीजा जारी करेगी। साल 2025 और 2026 दोनों के लिए इस आंकड़े में मामूली बढ़ोतरी कर 5 लाख पर रखा गया है।
असर
भारतीय छात्रों पर क्या होगा असर?
भारत से हर साल करीब 2 लाख छात्र कनाडा पढ़ने जाते हैं। इस कदम का असर इन भारतीय छात्रों पर भी होना तय है।
एक जनवरी से कनाडा ने भारतीय छात्रों के लिए गारंटीड इंवेस्टमेंट सर्टिफिकेट (GIC) की सीमा भी बढ़ा दी है। यानी अब छात्रों को अपने खाते में 16 लाख के बजाय 25 लाख रुपये रखने होंगे।
इस साल कनाडा ने करीब 40 प्रतिशत भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन को रद्द कर दिया है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल भारत से करीब 2 लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए कनाडा जाते हैं। इनकी फीस के तौर पर करीब 75 हजार करोड़ रुपये कनाडा को मिलते हैं।
कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में कनाडा में 5.5 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 2.26 लाख छात्र अकेले भारत से थे।
पढ़ाई के साथ-साथ ये छात्र पार्ट टाइम काम कर कनाडा की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं।