भारत-कनाडा विवाद का असर भारतीय छात्रों पर, स्टडी वीजा में 86 प्रतिशत गिरावट
भारत और कनाडा के बीच तनाव का असर भारतीय छात्रों पर पड़ रहा है। भारत के 40 से अधिक कनाडाई राजनयिकों को निकालने के कारण स्टडी वीजा जारी करने की कनाडा की क्षमता काफी गिर गई है और इसके कारण कम भारतीय छात्रों को वीजा जारी हुआ। कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा है कि निकट भविष्य में भी पढ़ाई के लिए भारत से आने वाले छात्रों की संख्या बढ़ने की संभावना कम ही है।
भारतीय छात्रों के आवेदनों में कितनी गिरावट आई?
खालिस्तान के मुद्दे पर विवाद के बीच कनाडा में पढ़ाई के लिए पहले की तुलना में काफी कम भारतीय छात्रों की वीजा लगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 की चौथी तिमाही में भारतीयों को जारी किए गए स्टडी वीजा में पिछली साल की तुलना में 86 प्रतिशत की गिरावट आई है। साल 2022 में की चौथी तिमाही में 108,940 स्टडी वीजा जारी किए गए थे, लेकिन 2023 में मात्र 14,910 वीजा जारी हुए।
वीजा पर कार्यवाही की कनाडा की क्षमता हुई आधी
कनाडा के मंत्री मिलर ने कहा कि तनाव ने भारत से आने वाले आवेदनों पर कार्यवाही की कनाडा की क्षमता को लगभग आधा कर दिया है और आगे भी इसका असर छात्रों की संख्या पर पड़ने की संभावना है। दरअसल, पिछले साल भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को देश से बाहर निकाल दिया था, जिनमें से कुछ स्टडी वीजा से जुड़े कार्य करते थे। इससे आवेदनों की प्रक्रिया पूरा करने वाले अधिकारियों की संख्या घट गई।
भारतीय छात्र अन्य विकल्पों पर कर रहे विचार
ओटावा स्थित भारतीय दूतावास के काउंसलर सी गुरु सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय छात्र कनाडाई संस्थानों में रहने और अध्ययन के लिए पर्याप्त शिक्षण सुविधाओं की कमी के कारण अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में कनाडा पढ़ने जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की रही है। साल 2022 में छात्रों को जारी किये गए कुल वीजाओं में से 41 प्रतिशत भारतीय थे। उनकी संख्या 2,25,835 रही।
भारत और कनाडा में क्यों विवाद चल रहा?
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान समर्थक और आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद चल रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप लगाए हैं। दूसरी तरफ भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है और कनाडा से सबूत मांगे हैं। इस विवाद के चलते दोनों देश एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाल चुके हैं। भारत ने तो वीजा जारी करने पर भी रोक लगा दी थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
इस बीच यह भी खबरें हैं कि कनाडा की सरकार अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को सीमित करने की योजना बना रही है। मार्क मिलर ने इसी हफ्ते इसका संकेत देते हुए कहा था कि अगले कुछ महीनों में देश में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर अंकुश लगाने की संभावना पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस साल की पहली और दूसरी तिमाही में इस पर विचार किया जा सकता है।