बालाकोट में आतंकियों को उड़ाने वाले 100 बम और खरीदेगा भारत, इजरायल से हुआ सौदा
भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए इजरायल से 100 से अधिक स्पाइस बम खरीदेगा। यह सौदा लगभग 300 करोड़ रुपये का है। ये बम बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक में इस्तेमाल होने वाले स्पाइस 2000 बम का एडवांस वर्जन होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला रक्षा सौदा है। इजरायल की राफेल कंपनी द्वारा बनाए गए ये बम अगले तीन महीनों में भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे। इनसे वायुसेना की मजबूती में इजाफा होगा।
तीन महीने में भारत को मिल जाएंगे बम
समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मार्क 84 वॉरहेड वाले 100 से अधिक स्पाइस बम खरीदने के लिए इजरायल के साथ आपातकालीन प्रावधानों के तहत सौदा किया गया है जिसके तहत इसकी आपूर्ति तीन महीने के भीतर कर दी जाएगी।
ये हैं स्पाइस बम की खासियत
बालाकोट एयरस्ट्राइक में भारतीय वायुसेना ने स्पाइस 2000 PGM बमों का इस्तेमाल किया था। एक बम में 900 किलोग्राम स्टील से बने ढांचे में 80 किलोग्राम विस्फोटक भरा होता है। यह बम वर्टिकल एंगल से अपने ठिकाने पर हमला करता है। इस बम से जिस इमारत या ठिकाने को उड़ाना होता है, उसके ऊपर से इसे छोड़ा जाता है। यह छत में 80-90 सेंटीमीटर का सुराख करके घुसता है। इसकी स्टैंडऑफ रेंज 60 किलोमीटर तक है।
बादलों में भी काम कर सकता है स्पाइस बम
स्पाइस 2000 PGM एक अत्यधिक सटीक और जैमर-प्रूफ बम है जो भारी बादलों के बीच भी अच्छे से काम करता है। यह छत के रास्ते इमारत में घुसता है और फिर कुछ समय के बाद फटता है। इसके सॉफ्टेयर को छत के प्रकार, उसकी मोटाई और निर्माण की सामग्री के हिसाब से प्रोग्राम किया जाता है और उसके बाद बम को कितनी देर बाद फटना है, इसका समय सेट किया जाता है। यह केवल कंट्रोल सेंटर को बर्बाद करता है।
मिराज एयरक्राफ्ट से गिराए थे बम
भारत ने पुलवामा हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंपों को नष्ट किया था इस काम को भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने अंजाम दिया था। IAF के 12 मिराज विमानों ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के कई कंट्रोल रूम और बाकी ठिकानों को उड़ाया था। भारत ने करगिल युद्ध के दौरान भी मिराज विमानों का इस्तेमाल किया था।
नौसेना के लिए हेलिकॉप्टर खरीदने की चल रही तैयारी
केंद्र सरकार अमेरिका के साथ 17,500 करोड़ रुपये की डील करने जा रही है। इसके तहत नौसेना की क्षमता में इजाफा करने के लिए 24 लॉकहीड मार्टिन- सिकोरस्काई MH-60R हेलिकॉप्टर खरीदे जाएंगे। ये हेलिकॉप्टर अमेरिकी सरकार के फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम के तहत खरीदे जाएंगे। इसमें सरकार से सरकार के बीच सौदा होता है। नौसेना के ऑपरेशनल कामों के लिए जरूरी ये हेलिकॉप्टर सी किंग 42/42A फ्लीट का स्थान लेंगे, जो दो दशक पहले सेवा से बाहर हो गए थे।