भारतीय-अमेरिकी लोग उठा रहे अमेरिका का भार- राष्ट्रपति बाइडन
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ती भूमिका और योगदान की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरूवार को कहा कि भारतीय-अमेरिकी लोग अमेरिका का भार उठा रहे हैं। अपने प्रशासन में सबसे अधिक भारतीय-अमेरिकियों की नियुक्ति करने वाले बाइडन ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने ऐसे भारतीय मूल के ऐसे लोगों का नाम भी गिनाया जो अमेरिका में ऊंचे पदों पर काम कर रहे हैं।
क्या बोले बाइडन?
मंगल ग्रह पर पर्सिवियरेंस रोवर की ऐतिहासिक और सफलतापूर्वक लैंडिंग में शामिल रहे नासा के वैज्ञानिकों से गुरूवार को वर्चुअल बातचीत करते हुए बाइडन ने कहा, "भारतीय-अमेरिकी देश का भार उठा रहे हैं। आप (स्वाति मोहन), मेरी उपराष्ट्रपति (कमला हैरिस), मेरा भाषण लेखक (विनय रेड्डी) सभी भारतीय मूल के हैं।" बता दें कि स्वाति मोहन पर्सिवियरेंस रोवर की सफल लैंडिंग कराने वाली टीम की प्रमुख हैं और नासा के मंगल मिशन के गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रोल ऑपरेशन्स संभाल रही हैं।
अपने प्रशासन में भारतीय मूल के 55 लोगों की नियुक्ति कर चुके हैं बाइडन
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी लोगों की भूमिका कितनी बढ़ गई है और बाइडन उन्हें कितना महत्व देते हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के 50 से भी कम दिनों में बाइडन 55 भारतीय-अमेरिकियों को अपने प्रशासन में अहम पदों पर नियुक्त कर चुके हैं। उनसे पहले के प्रशासनों में भी अहम पदों पर भारतीय-अमेरिकियों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन पहले 50 दिनों के अंदर ही इतनी नियुक्तियां एक रिकॉर्ड है।
नियुक्तियों में लगभग आधी महिलाएं
इन नियुक्तियों में से लगभग आधी महिलाएं हैं और व्हाइट हाउस में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं। यह आंकड़ा और बढ़ सकता था, लेकिन नीरा टंडन ने व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के निदेशक के लिए अपना आवेदन वापस ले लिया।
कमला हैरिस की सफलता भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ते प्रभुत्व का प्रतीक
बाइडन द्वारा की गई इन 55 नियुक्तियों में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम शामिल नहीं है क्योंकि वह एक चुनी हुए पद पर हैं। हैरिस न केवल अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं, बल्कि इस पद को संभालने वाली भारतीय मूल की पहली शख्स भी हैं। वह अमेरिका की पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति भी हैं। हैरिस का उपराष्ट्रति बनना इस बात का प्रतीक है कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोग किन ऊंचाइयों तक पहुंच गए हैं।
ओबामा और ट्रंप के प्रशासन में भी बड़ी संख्या में थे भारतीय-अमेरिकी
बता दें कि इससे पहले बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप भी भारतीय-अमेरिकियों की नियुक्ति में पीछे नहीं थे। ओबामा प्रशासन के नाम तो सबसे अधिक भारतीय-अमेरिकियों की नियुक्ति का रिकॉर्ड है और जिस समय ये नियुक्तियां हुई थीं, बाइडन उपराष्ट्रपति थे। ट्रंप भी ज्यादा पीछे नहीं हैं और उनके कार्यकाल में कैबिनेट रैंक पर और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में पहली बार भारतीय मूल के किसी शख्स की नियुक्ति की गई थी।