2023 में 28 करोड़ से ज्यादा लोग हुए भुखमरी का शिकार, गाजा सबसे ज्यादा प्रभावित- UN
क्या है खबर?
साल 2023 में 59 देशों के करीब 28.2 करोड़ लोग भुखमरी से जूझने पर मजबूर हुए हैं। युद्धग्रस्त गाजा पट्टी में भुखमरी की वजह से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 'ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस' में इसकी जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, मौसमी घटनाओं और आर्थिक झटकों के कारण गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करने वालों की संख्या 2022 की तुलना में 24 करोड़ तक बढ़ गई है।
गाजा
गाजा के हालात चिंताजनक
रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर अकाल का सामना कर रहे लोगों में से 80 फीसदी लोग (5.77 लाख) सिर्फ गाजा पट्टी में हैं। इसके अलावा दक्षिणी सूडान, बुर्किना फासो, सोमालिया और माली में हजारों लोग भूख से तड़प रहे हैं।
रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि गाजा में लगभग 11 लाख और दक्षिण सूडान में 79,000 लोग जुलाई तक भुखमरी के 5वें चरण में पहुंच सकते हैं, जो भुखमरी का सबसे उच्चतम स्तर है।
भुखमरी
दुनियाभर में लगातार बढ़ रही भुखमरी
UN खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भूख का एक पैमाना तय किया है, जिसमें 5 देशों के 7.05 लाख लोग 5वें चरण में हैं।
उन्होंने बताया कि 2016 में वैश्विक रिपोर्ट जारी करने की शुरुआत से यह संख्या अब तक सबसे ज्यादा है। 2016 से अब तक इसमें 4 गुना की वृद्धि हो चुकी है। 2023 खाद्य असुरक्षा से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि का लगातार 5वां साल रहा।
देश
12 देशों में लोग भुखमरी से पीड़ित
FAO के आपातकालीन कार्यालय के उप निदेशक फ्लेर वाउटरसे ने AFP से कहा, "पिछले साल गाजा में 6 लाख लोगों सहित लगभग 7 लाख लोग भुखमरी की कगार पर थे। यह आंकड़ा तब से युद्धग्रस्त फिलिस्तीन के क्षेत्र में 10 लाख से ज्यादा हो गया है। संबंधित क्षेत्रों में प्रभावित आबादी का हिस्सा 11 प्रतिशत से 22 प्रतिशत हो गया है। अफगानिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, नाइजीरिया, सीरिया और यमन में लंबे समय से खाद्य संकट जारी है।"
वजह
क्यों बढ़ रही है भुखमरी?
रिपोर्ट के अनुसार, जिन देशों में लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं, वहां या तो राजनीतिक अस्थिरता रही है या कृषि उत्पादन में कमी आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संघर्ष या असुरक्षा की स्थितियां 20 देशों या क्षेत्रों में भुखमरी की वजह बनी है, जिससे 13.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ या सूखा जैसी जलवायु घटनाएं 18 देशों में 7.2 करोड़ लोगों के लिए खाद्य असुरक्षा का मुख्य कारण थीं।