कोरोना वायरस: जानिए कैसे दो महीने दुनिया को गुमराह करता रहा चीन
चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुए नोवेल कोरोना वायरस (COVID-19) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी और ज्यादातर देशों में जिंदगी की रफ्तार बिल्कुल थम गई है। इस बीच रिपोर्ट्स आ रही है कि अगर चीन ने इस वायरस को लेकर दुनिया को गुमराह नहीं किया होता और पहले चेतावनी दे दी होती तो इसके प्रभाव को बेहद कम किया जा सकता था। अब अमेरिकी पत्रिका 'नेशनल रिव्यू' ने इसके बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताया है।
एक दिसंबर को सामने आया पहला मामला
'नेशनल रिव्यू' में प्रकाशित लेख के अनुसार, कोरोना वायरस का प्रसार वुहान के एक सीफूड बाजार से शुरू हुआ। एक दिसंबर को पहली बार एक मरीज में इसके लक्षण देखे गए और इसके पांच दिन बाद उसकी 55 वर्षीय पत्नी को भी निमोनिया जैसी बीमारी की शिकायत पर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक ऐसे मामले सामने आने लगे जिनसे डॉक्टरों को आशंका हुई कि वायरस इंसानी संपर्क के जरिए फैल रहा है।
दिसंबर के अंत तक कई गुना बढ़ी मरीजों की संख्या
25 दिसंबर को वुहान के दो अस्पतालों में काम करने वाले चीनी मेडिकल स्टाफ में भी वायरल निमोनिया के लक्षण देखे गए और उन्हें आइसोलेट कर दिया गया। दिसंबर के अंत तक वुहान के अस्पतालों में मामलों की संख्या कई गुना बढ़ गई। इन नए मरीजों को सीफूड बाजार आने-जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं था। इसके बाद मुखबिर डॉक्टर ली वेनलियांग ने साथी डॉक्टरों को SARS जैसे नए वायरस की चेतावनी देते हुए सुरक्षात्मक उपाय करने को कहा।
वुहान के स्वास्थ्य आयोग ने कहा- इंसानी संपर्क से नहीं फैल रहा वायरस
वेनलियांग की चेतावनी और सबूतों के विपरीत 31 दिसंबर को वुहान नगर स्वास्थ्य आयोग ने घोषणा करते हुए कहा कि जांच में वायरस के एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने और किसी मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने के सबूत नहीं मिले हैं। इस बीच वायरस के मामलों के डॉक्टरों के ध्यान में आने के तीन हफ्ते बाद चीन ने पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से इसे लेकर संपर्क किया।
वेनलियांग को पुलिस ने धमकाया, कराए माफीनामे पर हस्ताक्षर
वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच चीन ने मामले को दबाने की कोशिशों को लगातार जारी रखा और इसकी खबर देने वाले डॉक्टर वेनलियांग को तीन जनवरी को पुलिस स्टेशन बुलाया गया। पुलिस ने अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए उनसे माफीनामे पर हस्ताक्षर कराए।
हुबेई के स्वास्थ्य आयोग ने बंद कराई टेस्टिंग, नष्ट कराए गए सभी सैंपल
इसी दिन हुबेई प्रांत के स्वास्थ्य आयोग ने वुहान में नई बीमारी से संबंधित सैंपलों की टेस्टिंग बंद करने और पहले से मौजूद सभी सैंपलों को नष्ट करने का आदेश दिया। इसके बाद वुहान नगर स्वास्थ्य आयोग ने बयान जारी करते हुए फिर से वायरस के इंसानी संपर्क से नहीं फैलने की बात दोहराई। छह जनवरी को चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने वुहान जा रहे लोगों को जानवरों के बाजार और रोगियों से दूर रहने की सलाह दी।
वायरस के इंसानी संपर्क से फैलने को लेकर लगातार झूठ बोलता रहा चीन
आठ जनवरी को चीन के मेडिकल अधिकारियों ने वायरस को पहचानने की बात कही, लेकिन इसके साथ ये भी जोड़ा कि इसके इंसानी संपर्क से फैलने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। 11 जनवरी को वुहान शहर स्वास्थ्य आयोग ने सवाल-जबाव शीट जारी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि वायरस के ज्यादातर मामलों का साउथ चाइना सीफूड बाजार आने-जाने का रिकॉर्ड था और इसके इंसानी संपर्क से फैलने का कोई सबूत नहीं मिला है।
डॉ वेनलियांग भी हुए कोरोना वायरस के शिकार
12 जनवरी को संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद डॉ वेनलियांग को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हें ICU में भर्ती करना पड़ा। एक फरवरी को उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई और छह दिन बाद उनकी मौत हो गई।
13 जनवरी को सामने आया चीन से बाहर पहला मामला
13 जनवरी को चीन के बाहर नोवेल कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया और थाइलैंड में 61 वर्षीय चीनी महिला को वायरस से संक्रमित पाया गया। उसका वुहान यात्रा का रिकॉर्ड था, हालांकि वो सीफूड बाजार नहीं गई थी। इस बीच चीन ने दुनिया को गुमराह करना जारी रखा और 14 जनवरी को WHO ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन की प्राथमिक जांच में कोरोना वायरस के इंसानी संपर्क के जरिए फैलने का कोई सबूत नहीं मिला है।
15 जनवरी को जापान में सामने आया पहला मामला
15 जनवरी को जापान में भी कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया और ये मरीज चीन के किसी भी सीफूड बाजार में नहीं गया था। इसके बाद वुहान नगर स्वास्थ्य आयोग ने अपने कदम पीछे खींचते हुए कहा कि वायरस के इंसानी संपर्क के जरिए फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद शहर प्रशासन ने चीनी नए साल के एक भोज में 40,000 परिवारों को इकट्ठा होने और घर का खाना साझा करने दिया।
19 जनवरी को चीन ने कहा- अभी भी काबू में किया जा सकता है वायरस
19 जनवरी को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने घोषणा करते हुए कहा कि वायरस को अभी भी काबू में किया जा सकता है। एक दिन बाद उसकी एक टीम ने गुआंगदोंग प्रांत में संक्रमण के दो मामले मिलने की बात कही जो इंसानी संपर्क के जरिए फैले थे। 21 जनवरी को CDC ने अमेरिका में कोरोना वायरस के पहले की पुष्टि की। संक्रमित व्यक्ति छह दिन पहले चीन से लौटा था।
22 जनवरी को WHO ने कहा- इंसानी संपर्क से फैल रहा है वायरस
22 जनवरी को WHO का एक डेलीगेशन वुहान के दौरे पर गई और कहा कि नई टेस्ट किट से सामने आया है कि वुहान में वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल रहा है। इसके बाद चीन ने वुहान को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की। लेकिन कोरोना वायरस के पहले मामले और उसकी इस घोषणा के बीच दो महीने का वक्त गुजर चुका था और इस बीच वायरस पूरी दुनिया में अपने पैर जमा चुका था।