चीन में आए 6.2 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में 111 लोगों की मौत, 230 घायल
चीन में आए विनाशकारी भूकंप में कम से कम 111 लोगों की मौत हो गई, जबकि 230 से अधिक घायल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देर रात उत्तर-पश्चिम चीन में गांसु और किंघई में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 आंकी गई है, जिसका केंद्र गांसु की प्रांतीय राजधानी लान्झू से 102 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में था। यहां कई इमारतें ढह गई हैं और मरने वाले का आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
भूकंप से गांसु और किंघई में सबसे अधिक नुकसान
चीनी मीडिया एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, भूंकप के कारण गांसु में 100 लोगों की जान जा चुकी है और 96 घायल हैं, जबकि किंघई में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई और 124 लोगों के घायल होने की सूचना है। भूकंप से सबसे अधिक नुकसान काउंटी, डियाओजी और किंघई प्रांत में हुआ है। यहां कई इमारतें गिरने से लोग मलबे में दब गए, जिन्हें राहत और बचावकर्मी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश
इस बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उत्तर-पश्चिमी चीन के गांसु में आए विनाशकारी भूकंप के बाद लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को राहत बचाव कार्य के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
भूकंप से पानी, बिजली और संचार सेवा प्रभावित
चीनी अधिकारियों का कहना है कि भूकंप प्रभावित इलाकों में पानी, बिजली, परिवहन, संचार और अन्य बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसका आंकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह इलाका उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में है और यहां अभी भीषण ठंड है, जिसके चलते राहत बचाव के प्रयासों समस्याएं आ रही है और गांसु में मंगलवार सुबह तापमान शून्य से 14 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया।
चीन में 2008 में आया था सबसे विनाशकारी भूकंप
चीन में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। यहां 2008 में 7.9 तीव्रता के सबसे विनाशकारी भूकंप में 87,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। पिछले साल सितंबर में दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में 6.6 तीव्रता का भूकंप आने से 60 से अधिक लोग मारे गए थे और सैंकड़ों घायल हुए थे, जबकि कई इमारतों को नुकसान पहुंचा था। इस साल अगस्त में पूर्वी चीन में 5.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया, जिसमें जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
क्यों आते हैं भूकंप?
धरती के नीचे मौजूद टेक्टोनिकल प्लेटों में हलचल के कारण भूकंप आते हैं। इसके अलावा ज्वालामुखी फटने और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग भी भूकंप ला सकती है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है और इसका अंदाजा भूकंप के केंद्र से निकलने वाली तरंगों से लगता है। भूकंप का केंद्र सतह से जितना नीचे होगा, तबाही भी उतनी ही कम होगी। दुनिया के कई क्षेत्र संवेदनशील हिस्से में पड़ते हैं और वहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।