बांग्लादेश में अब उठी राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग, प्रदर्शनकारियों ने दिया 24 घंटे का समय
बांग्लादेश में शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने के महज 3 महीने बाद फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस बार प्रदर्शनकारियों का निशाना राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन हैं। उन्होंने विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए 24 घंटे का समय दिया है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन के सामने प्रदर्शन किया और उनके आधिकारिक आवास में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारी सुरक्षा के कारण वह सफल नहीं हो पाए।
क्या है राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग का कारण?
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग का अहम कारण उनका शेख हसीना के इस्तीफे के संबंध में दिया गया बयान है। उन्होंने पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार में कहा था, "उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि अगस्त में विरोध प्रदर्शन के बीच देश छोड़कर जाने से पहले शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। बहुत कोशिशों के बावजूद कोई दस्तावेज नहीं मिला है। शायद उनके (हसीना) पास समय नहीं था।'
क्या है राष्ट्रपति के इस बयान का मतलब?
राष्ट्रपति के इस बयान के बाद चर्चा है कि क्या शेख हसीना अभी भी देश की प्रधानमंत्री हैं। ऐसा ही दावा शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अगस्त में किया था। सजीब ने कहा था कि उनकी मां ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह अभी भी देश की प्रधानमंत्री हैं। अगर राष्ट्रपति का बयान भी सच है तो इसने बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार की संवैधानिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी कौन हैं?
राष्ट्रपति के इस बयान के बाद हसीना को सत्ता से बेदखलन करने के लिए किए गए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रपति इस तरह के बयान देकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ढाका के केंद्रीय शहीद मीनार पर एक विरोध रैली आयोजित की और राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग सहित 5 मांगों को लेकर प्रदर्शन का ऐलान कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने किया राष्ट्रपति भवन में घुसने का प्रयास
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार शाम को मोतीझील और गुलिस्तां के बीच की सड़कें जाम कर दी और राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर नारे लगाए। रात करीब 8:30 बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर बंगभवन में घुसने की कोशिश की। तभी पुलिस ने ध्वनि ग्रेनेड दागे, जिसके बाद सेना के जवानों को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस दौरान भी प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते रहे। उसके बाद सेना ने लाउडस्पीकरों से सख्त कार्रवाई की चेतावनी देकर उन्हें शांत कराया।
क्या हैं प्रदर्शनकारियों की 5 मांग?
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों में से एक हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी 5 सूत्री मांग में शहाबुद्दीन को 24 घंटे में राष्ट्रपति पद से हटाने, बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में बनाया गए 1972 के संविधान को रद्द करना प्रमुख है। उन्होंने आगे कहा कि 2024 की उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में (1972) संविधान को बदलकर एक नया संविधान लिखना होगा। मांगे पूरी न होने पर वह पूरी ताकत से सड़कों पर उतरेंगे।
राजनीतिक दलों के परामर्श से तय करेंगे अगले राष्ट्रपति का नाम
हसनत अब्दुल्ला ने कहा, "राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को बुधवार या गुरुवार तक हर हाल में हटा दिया जाएगा और अगले राष्ट्रपति के बारे में निर्णय सभी राजनीतिक दलों के परामर्श के आधार पर करेंगे। अगर हम अगले राष्ट्रपति को तय किए बिना मौजूदा राष्ट्रपति को हटाते हैं तो पड़ोसी देश हमारे खिलाफ साजिश रचने का मौका पा सकते हैं।" उन्होंने कहा, "पड़ोसी देश राष्ट्रपति की अनुपस्थिति का हवाला देकर हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं।"
शहाबुद्दीन के राष्ट्रपति रहने तक जारी रहेगा विरोध-प्रदर्शन
"रक्तिम जुलाई 24" के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे सैफुद्दीन मुहम्मद इमदाद ने कहा कि शहाबुद्दीन ने हसीना के इस्तीफे को लेकर दिए गए बयान के बाद अपने राष्ट्रपति पद पर बने रहने की पात्रता खो दी है। इस तरह की टिप्पणी का एकमात्र समाधान उनका इस्तीफा है। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन, हसीना के साथी हैं। उन्होंने हसीना के इस्तीफा न देने का बयान देकर उनकी वापसी का प्रयास किया है। ऐसे में उनके इस्तीफा देने तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
कौन है राष्ट्रपति शहाबुद्दीन?
मोहम्मद शहाबुद्दीन बांग्लादेश के 16वें राष्ट्रपति हैं। उन्हें मूल रूप से चुप्पु के नाम जाना जाता है। एक न्यायवादी सिविल सेवक और राजनीतिज्ञ, शहाबुद्दीन को 2023 के बांग्लादेश राष्ट्रपति चुनाव में अवामी लीग के नामांकन में निर्विरोध चुना गया था।