बांग्लादेश में निर्माता सलीम खान और उनके स्टार बेटे शांतो की हत्या, जानिए उनके बारे में
बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंदुओं पर हमले काफी तेज हो गए हैं। सोमवार को हसीना के इस्तीफे वाले दिन और मंगलवार को सरकार के गठन वाले दिन बांग्लादेश में जमकर हिंसा हुई। जहां जाने-माने गायक और संगीतकार राहुल आनंद के घर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी, वहीं जाने-माने बंगाली अभिनेता शांतो और उनके निर्माता पिता सलीम खान को मौत के घाट उतार दिया गया। आइए उनके बारे में जानते हैं।
सबसे पहले जानिए कैसे हुई हत्या
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार, 5 अगस्त को सलीम और शांतो अपने घर से भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी बलिया संघ के फरक्काबाद बाजार में गुस्साई भीड़ उनके सामने आ गई। उन्होंने खुद को बचाने के लिए गोलियां भी चलाईं, लेकिन पास ही के बगरा बाजार में उनका सामना दोबारा भीड़ से हो गया। बताया जा रहा है कि वहां पर गुस्साई भीड़ ने सलीम और उनके बेटे शांतो की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी।
शेख हसीना के करीबी थे सलीम
सलीम एक जाने-माने निर्माता थे। कहा जाता है कि वह शेख हसीना के करीबी रहे हैं। सलीम चांदपुर सदर उपजिला के लक्ष्मीपुर मॉडल यूनियन परिषद के अध्यक्ष थे। सलीम 'मुजीबुर रहमान' पर बनी चर्चित बायोपिक फिल्म के निर्माता थे। वह बंगाली फिल्म इंडस्ट्री से भी जुड़े हुए थे। बंगाली सिनेमा में उन्होंने लगभग 10 फिल्में बनाई थीं, जिनमें बड़े सितारे नजर आए थे। उधर उनके बेटे शांतो ने भी बुबू जान और अंतो नगर जैसी कई शानदार फिल्में की हैं।
सितारों ने जताया दुख
सलीम के दोस्त और बंगाली अभिनेता देव बोले, "मैं कई बार बांग्लादेश गया। वहां के लोगों की मेहमाननवाजी से प्रभावित हुआ। मौत की खबरें परेशान करने वाली हैं। उम्मीद है कि बांग्लादेश पहले जैसा हो जाएगा।" उधर अभिनेता बोनी सेन गुप्ता ने कहा, "यह चौंकाने वाली खबर है। मैंने हाल ही में उनकी फिल्म 'प्रोडक्शन नंबर 1' की शूटिंग पूरी की है।" अभिनेत्री कौशानी मुखोपाध्याय बोलीं, "यकीन नहीं हो रहा कि शांतो अब नहीं रहे। वह बहुत सम्मानित व्यक्ति थे।"
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की जड़ आरक्षण है। दरअसल, यहां सरकारी नौकरियों मे 56 फीसदी आरक्षण लागू है, जिनमें से 30 फीसदी आरक्षण 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलता है। प्रदर्शनकारी छात्रों का तर्क है कि इससे मेरिट वाले नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है, बल्कि अयोग्य लोगों को सरकारी नौकरी में भरा जा रहा है। हालांकि, अब लड़ाई आरक्षण से हटकर हसीना के इस्तीफे की मांग पर आ गई है।
सलीम और शांतो पर दर्ज थे मामले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलीम और उनके बेटे शांतो पर चांदपुर समुद्री तट पर पद्मा मेघना नदी में अवैध रेत खनन का मामला चल रहा था। इतना ही नहीं, शांतो पर 3.25 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति रखने का भी आरोप था।