चीन ने 44 साल बाद किया इस ताकतवर मिसाइल का परीक्षण, अमेरिका तक दहशत
दक्षिण चीन सागर में चल रहे तनाव के बीच चीन ने बड़ा कदम उठाया है। उसने अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) DF-41 का सफल परीक्षण किया है। इससे पहले चीन ने 44 साल पहले यानी 1980 में इस तरह की मिसाइल का परीक्षण किया था। परीक्षण के तहत, 25 सितंबर की सुबह यह मिसाइल ताइवान, फिलीपींस और अमेरिकी नेवल बेस गुआम के पास से गुजरी और प्रशांत महासागर में जाकर गिर गई।
परीक्षण के बारे में चीन ने क्या कहा?
चीन ने कहा है कि उसने एक डमी (नकली) वारहेड ले जाने वाली ICBM का प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ICBM को 25 सितंबर को स्थानीय समयानुसार 08:44 बजे प्रक्षेपित किया गया और यह अपेक्षित समुद्री क्षेत्र में गिरी। चीन ने कहा कि यह परीक्षण उसके सालाना प्रशिक्षण योजना का हिस्सा है और यह लॉन्च किसी देश को लक्षित करके नहीं किया गया था।
मिसाइल के बारे में क्या पता है?
चीन ने परीक्षण की गई मिसाइल का नाम नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि इसका नाम DF-41 है। साल 2019 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के स्थाना के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इसे पहली बार एक समारोह के दौरान प्रदर्शित किया गया था। इसकी मारक क्षमता 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक है। 22 मीटर लंबी और 80,000 किलो वजनी ये मिसाइल 30,870 किलोमीटर प्रति/घंटा की रफ्तार से लक्ष्य पर निशाना साध सकती है।
क्यों चिंताजनक है चीन का ये कदम?
चीन ने मिसाइल का परीक्षण ऐसे समय पर किया है, जब पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में उथल-पुथल चल रही है। दक्षिणी चीन सागर में चीन का अमेरिका, जापान, फिलीपींस, ताइवान समेत कई देशों से विवाद चल रहा है। चीन के इस कदम से परमाणु हथियार को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं बढ़ सकती हैं। हालांकि, चीन का कहना है कि वह 'पहले इस्तेमाल नहीं' नीति का पालन करता है, लेकिन इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
चीन के पास कितने परमाणु हथियार?
पिछले साल एक रिपोर्ट में पेंटागन ने अनुमान लगाया था कि चीन के पास 500 से ज्यादा सक्रिय परमाणु हथियार हैं, जिनमें से लगभग 350 ICBM हैं। संभवतः 2030 तक उसके पास 1,000 से ज्यादा परमाणु हथियार होंगे। पेंटागन ने कहा कि चीन की सेना जमीन पर आधारित ICBM के लिए सैकड़ों गुप्त साइलो का निर्माण कर रही है। इसकी तुलना में अमेरिका और रूस के पास क्रमशः 1,770 और 1,710 सक्रिय वॉरहेड्स तैनात किए गए हैं।