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चीन ने गलवान हिंसा में शामिल रहे कमांडर को बनाया शीतकालीन ओलंपिक का मशालवाहक
चीन ने गलवान हिंसा में शामिल रहे कमांडर को बनाया शीतकालीन ओलंपिक का मशालवाहक

चीन ने गलवान हिंसा में शामिल रहे कमांडर को बनाया शीतकालीन ओलंपिक का मशालवाहक

Feb 03, 2022
01:56 pm

क्या है खबर?

चीन ने गलवान घाटी में भारत के साथ हिंसक झड़प में शामिल रहे एक सैन्य कमांडर को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के लिए मसालधावक बनाया है। झड़प में घायल हुए रेजीमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ ने बुधवार को मशाल थामी। चीन के इस कदम को गलवान हिंसा का वैश्विक स्तर पर प्रचार करने से जोड़कर देखा जा रहा है और भारत इसका विरोध कर सकता है। अमेरिका ने इसकी आलोचना करते हुए चीन पर ओलंपिक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

रिपोर्ट

गलवान में हुई झड़प में फैबाओ के सिर में लगी थी चोट

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, फैबाओ को 15 जून, 2020 को गलवानी घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में सिर में चोट लगी थी। रिपोर्ट में फैबाओ को हीरो कहकर संबोधित किया गया है। फैबाओ नेचार बार के ओलंपिक चैंपियन वांग मेंग से मशाल थामी और इसे आगे लेकर गए। बता दें कि बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक शुक्रवार से शुरू होने हैं। इस उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद रहेंगे।

प्रतिक्रिया

अमेरिकी सांसद ने चीन के हरकत का बताया शर्मनाक

अमेरिका की शक्तिशाली विदेशी मामलों की समिति में शामिल और अमेरिकी सांसद जिम रिस्च ने चीन के इस कदम पर सवाल खड़े किए हैं। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'ये शर्मनाक है कि चीन ने ओलंपिक 2022 के लिए एक ऐसा मशालवाहक चुना जो 2020 में भारत पर हमला करने वाली सैन्य कमांड का हिस्सा था और उइगर मुस्लिमों के नरसंहार में शामिल है। अमेरिका उइगर मुस्लिमों और भारत की संप्रभुता का समर्थन करना जारी रखेगा।'

विशेषज्ञों की राय

ओलंपिक खेलों के राजनीतिकरण का संकेत देता है चीन का कदम

चीन पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का ये कदम स्पष्ट करता है कि शीतकालीन ओलंपिक का राजनीतिकरण हो गया है। अभी तक चीन पश्चिमी देशों पर ये आरोप लगाता रहा है क्योंकि अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने उइगर मुस्लिमों के दमन के विरोध में इन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करने का ऐलान कर चुके हैं। इसका मतलब इन देशों के खिलाड़ी तो इनमें शामिल होंगे, लेकिन राजनयिक दल बीजिंग नहीं आएगा।

गलवान हिंसा

गलवान घाटी में क्या हुआ था?

बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे और ये दोनों देशों के बीच पिछले 45 साल की सबसे घातक झड़प थी। चीन ने पहले इस झ़ड़प में अपने चार सैनिक मरने का दावा किया था, लेकिन अब एक रिपोर्ट के अनुसार इस हिंसा में उसके 38 सैनिक मारे गए।