LAC पर चीन ने खोला एक और मोर्चा, देपसांग में भारतीय सीमा के अंदर घुसे सैनिक
क्या है खबर?
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव घटाने की कोशिशों के बीच चीन ने एक और नया मोर्चा खोल दिया है और गलवान घाटी के उत्तर में स्थित देपसांग मैदानी इलाके में भारतीय सीमा के अंदर दाखिल हो गया है।
चीन ने इलाके में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है और टैंक आदि की तैनाती भी की गई है।
ये इलाका भारत के दौलत बेग ओल्डी (DOB) सैन्य हवाई अड्डे के पास है, इसलिए ये रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट
18 किलोमीटर अंदर आई चीनी सेना
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, DBO हवाई अड्डे से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में चीन ने देपसांग की वाई-जंक्शन या बोटलनेक नामक जगह पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीन ने इलाके में भारी वाहन और विशेष सैन्य उपकरण भी तैनात किए हैं।
बोटलनेक LAC पर भारतीय सीमा के लगभग 18 किलोमीटर अंदर है। हालांकि चीन इससे भी पांच किलोमीटर अंदर तक के इलाके को अपना बताता है।
जमीनी स्थिति
इलाके में गश्त करते रहे हैं भारतीय सैनिक
बोटलनेक इस मैदानी इलाके में एक उठा हुआ (पथार टाइप) इलाका है और इसे वाई-जंक्शन के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि यहां लद्दाख के बर्त्से इलाके से आने वाला रास्ता दो हिस्सों में बंट जाता है।
एक इलाका उत्तर में राकी नाला से होते हुए पेट्रोलिंग पॉइंट-10 (PP-10) तक जाता है, वहीं दूसरा इलाका दक्षिण-पूर्व में PP-13 की तरफ जाता है। इन दोनों रास्तों पर भारतीय सैनिक पैदल PP-10, PP-11, PP-11A, PP-12 और PP-13 तक गश्त करते हैं।
राय
LAC को भारतीय सीमा के अंदर धकेल सकता है चीन
इलाके के सभी पेट्रोलिंग पॉइंट LAC के कुछ किलोमीटर अंदर है और 20 किलोमीटर का ये फ्रंट भारत-चीन सीमा पर एकमात्र ऐसा इलाका है जहां भारतीय सेनाएं बिल्कुल LAC तक गश्त नहीं करतीं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन बोटलनेक के जरिए PP-10 और PP-13 को जोड़ने में कामयाब रहता है तो वह LAC को भारतीय सीमा के और अंदर धकेल सकता है। इसके अलावा वे ऊंचाई से भारतीय गश्तों पर भी नजर रख सकते हैं।
अन्य मामला
2013 में भी इस इलाके में चीन ने की थी घुसपैठ
बता दें कि चीनी सैनिकों ने अप्रैल, 2013 में इस इलाके में प्रवेश करते हुए अपने टेंट बना लिए थे। इसके बाद लगभग तीन हफ्ते तक दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के आमने-सामने रहे थे और राजनयिक बातचीत के बाद चीनी सैनिक पीछे लौट गए थे।
इस घटना के बाद भारत ने बोटलनेक पर एक नया बेस बना लिया था। हालांकि इसके बावजूद सितंबर, 2015 में चीन का एक गश्ती दल अंदर घुसने में कामयाब रहा था।
दोहरा बर्ताव
चीन की कथनी और करनी में अंतर
बता दें कि चीन की तरफ से देपसांग में ये घुसपैठ ऐसे समय पर की गई है जब 22 जून को हुई सैन्य बातचीत में ही उसने LAC पर तनाव कम करने के लिए अपनी सेना पीछे हटाने पर रजामंदी जताई थी।
यही नहीं उसने गलवान घाटी में जिस पोस्ट को लेकर 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी, चीन ने उसे फिर से बना लिया है। चीन के इसी दोहरे बर्ताव को देखते हुए भारतीय सेना अलर्ट पर है।