न्यूयॉर्क: नौकरी और घर छोड़कर तंबू में रहने को मजबूर हुई यह महिला; आखिर क्यों?
आज के समय में महंगाई के कारण शहर में एक आरामदायक जीवन गुजारना आसान नहीं है। इसी वजह से न्यूयॉर्क में एक 41 वर्षीय महिला अपनी नौकरी और घर छोड़कर अपने बेटे के साथ जंगल में तंबू लगाकर रहने लगी। ऐसा करके वह लगभग 41.62 लाख रुपये बचाने में सफल हुई है। इसके अलावा महिला का दावा है कि ऐसे रहने से वह बहुत खुश है और इससे उसे सुकून मिलता है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
क्रिस्टीन ने क्यों किया तंबू में रहने का फैसला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिस्टीन ब्लू नामक महिला उबर ड्राइवर के रूप में काम करती थी। उनकी कमाई बहुत ज्यादा नहीं थी। वह शहर में अपने 14 वर्षीय बेटे के साथ रहती थी और उनका खर्च घर का किराया, पानी, बिजली और गैस का बिल मिलाकर लगभग 2 लाख के ऊपर चला जाता था। क्रिस्टीन को बिलों का खर्च उठाने में परेशानी होती थी, इसलिए उन्होंने 2021 में भारी बिल चुकाने के बाद तंबू लगाकर कहीं दूर रहने का फैसला किया।
तंबू में रहने से क्रिस्टीन को हुआ फायदा
क्रिस्टीन अपनी नौकरी और किराये का घर छोड़कर अपने बेटे और पालतू जानवर के साथ जंगल में तंबू लगाकर रहने लगी। उनके लिए इस तरह से बाहर रहना बिल्कुल नया अनुभव था, इसलिए उन्होंने शुरू में इसे 90 दिन के मजेदार कैंपिंग चुनौती के रूप में गुजारा। धीरे-धीरे क्रिस्टीन को तंबू में रहने की आदत हो गई और फिर उन्होंने अनुमान लगाया कि आखिर ऐसे रहने से उन्होंने काफी रुपये बचा लिये हैं।
क्रिस्टीन ने शुरू किया ऑनलाइन व्यवसाय
तंबू में रहने के बाद भी क्रिस्टीन को जीवनयापन के लिए काम करना तो जरूरी था। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन ही क्रोशिया का व्यवसाय शुरू किया, जो कामयाब रहा। इससे अब उनके जीवनयापन की मासिक लागत काफी कम हो गई है, जो उनके ऑनलाइन कारोबार से आसानी से पूरी हो जाती है। बता दें कि क्रिस्टीन ने सुविधा के लिए अपने बड़े से तंबू में घर के कई सामान जैसे लकड़ी का स्टोव, कंबल, बेड आदि रखा है।
मुश्किलों के बावजूद तंबू में रहने से खुश हैं क्रिस्टीन
क्रिस्टीन ने मीडिया से बताया, "प्रकृति के बीच रहना काफी सुकून भरा है। यहां पर रहने से चार दीवारों में बंधा हुआ महसूस नहीं होता है। यहां की ताजी हवा मन को शांत रखती है, लेकिन हमें कुछ मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है।" उन्होंने कहा, "बदलते मौसम में यहां रहना काफी मुश्किल है। उस दौरान काफी ठंड हो जाती है और हमें रात में उठकर बर्फ हटानी पड़ती है। इसके बावजूद यहां रहने पर कोई पछतावा नहीं है।"