अध्ययन में सामने आई कुत्तों के अधिक पूंछ हिलाने की वजह, इंसानों से गहरा संबंध; जानें
क्या है खबर?
अधिकतर लोगों का मानना है कि कुत्ते खुश होने पर अपनी पूंछ हिलाते हैं, जबकि इसके पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं।
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर साइकोलिंग्विस्टिक्स और रोम स्थित रोम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने नए अध्ययन में पाया कि कुत्ते भेड़ियों के विपरीत कम उम्र से ही अपनी पूंछ बार-बार हिलाने लगते हैं।
अध्ययन में इसका हैरान कर देने वाला कारण सामने आया है। यह अध्ययन बायोलॉजी लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन
कुत्ते का पूंछ हिलाना मित्रता प्रकट करने का तरीका
नीदरलैंड के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर साइकोलिंग्विस्टिक्स के डॉ टेलर हार्श और उनके सह-लेखकों का कहना है कि मनुष्यों के हजारों सालों से कुत्तों को पालने से उनमें धीरे-धीरे पूंछ हिलाने की प्रवृत्ति विकसित हुई है।
उनका यह भी कहना है कि कुत्तों के पूंछ हिलाने का मतलब मनुष्यों के प्रति मित्रता का स्वभाव प्रकट करना है। वह इस तरह से मनुष्यों के सामने लगाव दिखाते हैं और उन्हें खुश करने के लिए ऐसा करते हैं।
बयान
मनुष्य से जुड़ने पर अपनी अधिक पूंछ हिलाते हैं कुत्ते- डॉ टेलर
डॉ टेलर ने यह भी बताया कि साल 1999 में 40 लोमड़ियों पर भी अध्ययन किया गया था, जिसके लिए उन्हें कुत्तों की तरह पाला गया और उनमें भी यही परिणाम सामने आया कि वह मनुष्य से जुड़ने पर अपनी पूंछ अधिक हिलाती हैं।
टीम के मुताबिक, यह भी संभव है कि पूंछ हिलाना कोई ताकत प्रदर्शित करना नहीं है, बल्कि अपने व्यवहार को सामने लाना है।
बयान
कुत्तों के पूंछ हिलाने से मनुष्य के दिमाग पर भी पड़ता है अच्छा प्रभाव
शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि मानव जानबूझकर उन कुत्तों का चयन करता है, जो अपनी पूंछ अधिक बार हिलाते हैं और वो भी एक लय में। इसे घरेलू लयबद्ध वैगिंग कहा जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि कुत्तों के एक लय में पूंछ हिलाने से मनुष्य के दिमाग पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जिस वजह से वे उनकी तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं।
हालांकि, कुत्तों की हर नस्ल में पूंछ हिलाना एक जैसा नहीं होता है।
अन्य शोध
इस विषय पर अभी और शोध की है जरूरत- वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों का मानना है कि शोधकर्ताओं को कुत्तों के पूंछ हिलाने के वास्तविक अर्थ, उत्पत्ति और उद्देश्य को जानने के लिए और अधिक काम करना चाहिए।
वे कहते हैं कि उन्हें कुत्तों के लयबद्ध व्यवहारों को समझने और उत्पन्न करने की क्षमता पर भी अध्ययन करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त उन्हें यह भी पता करना चाहिए कि बढ़ती उम्र में कुत्तों के पूछ हिलाने में कितना बदलाव होता है या यह उनके नियंत्रण में है भी या नहीं।