मध्य प्रदेश: आम के पेड़ों की सिक्योरिटी में लगे कई गार्ड और कुत्ते, जानिए वजह
मध्य प्रदेश के जबलपुर के संकल्प परिहार और उनकी पत्नी रानी के गार्डन में आम के दो पेड़ हैं, जिनकी सुरक्षा में उन्होंने चार गार्ड और छह कुत्ते लगा दिए हैं। अगर आप यह सोच रहे हैं कि आम के पेड़ों में ऐसा क्या खास है तो आपको बता दें कि ये कोई साधारण आम के पेड़ नहीं बल्कि मियाजाकी (Miyazaki) आम के पेड़ हैं, जिसके एक आम की कीमत ही लाखों रुपये है। आइए पूरी खबर जानें।
दंपत्ति को इस तरह मिले मियाजाकी आम
अगर आपको लग रहा है कि दंपत्ति मियाजाकी आम के पौधों को जापान के मियाजाकी शहर से लाए हैं तो आप गलत हैं। दरअसल, कुछ साल पहले चेन्नई जाते समय परिहार ट्रेन में एक अजनबी से मिले, जिसने उन्हें आम के दो पौधे भेंट किए। परिहार ने इन आमों को आदमी से उपहार के रूप में स्वीकार किया, लेकिन तब वह इस बात से अनजान थे कि ये दुनिया के सबसे महंगे आम के पौधे हैं।
अजनबी ने बच्चों की तरह पौधों की देखभाल करने को कहा- परिहार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिहार ने बताया, "उस अजनबी व्यक्ति ने दोनों आम के पौधे सौंपते हुए बोला था कि इनकी बच्चों की तरह देखभाल करना, इसलिए हमने इसे बाग में लगाया, लेकिन पिछले साल जब सभी पौधे फलने लगे तो मैंने पाया कि आम के पौधे काफी अलग थे।" उन्होंने कहा, "मुझे इस किस्म का नाम नहीं पता था, इसलिए मैंने फल का नाम अपनी मां दामिनी के नाम पर रख दिया।"
आम के पेड़ों की सुरक्षा बढ़ाने का कारण
परिहार ने कहा, "हमें कई अध्ययनों के बाद पता चल गया कि उनके गार्डन में मियाजाकी आम के पेड़ बढ़ रहे हैं, लेकिन यह अभी भी मेरे लिए दामिनी हैं।" इसके अलावा परिहार ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आम की खासियत की बात फैलने के बाद चोरों ने उनके गार्डन में घुसकर आमों को चुरा लिया था, जिस वजह से पेड़ों की सुरक्षा के लिए उन्होंने चार गार्ड और छह कुत्तों को काम पर रखा है।
हम आम को नहीं बेचेंगे- रानी
मीडिया से बात करते हुए रानी ने कहा, "कारोबारियों ने एक आम को 21,000 रुपये में खरीदने को कहा और आम उत्पादक और फल प्रेमी भी हमसे संपर्क कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि आम को खरीदने के लिए मुंबई का एक जौहरी उनके द्वारा बोली जाने वाली किसी भी कीमत का भुगतान करने के लिए तैयार है, लेकिन वह आम किसी को नहीं बेचेंगे बल्कि इनसे अधिक से अधिक पौधे उगाए जाएंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस
रिपोर्ट्स के अनुसार, ये आम केवल अप्रैल से अगस्त तक ही उपलब्ध रहते हैं। इनकी कीमत की बात करें तो पिछले साल एक किलो मियाजाकी आम 2.7 लाख रुपये में बिके थे।
बागबानी विभाग ने की आम की जांच
मध्य प्रदेश के बागवानी विभाग के निदेशक RS कटारा ने बताया कि उन्होंने दंपति के गार्डन की जांच की और पाया कि यह फल भारत में दुर्लभ है और काफी महंगा है क्योंकि इसका उत्पादन बहुत कम है और इसका स्वाद बहुत मीठा है। यह आम बहुत अलग दिखता है और विदेशों में लोग इन आमों को उपहार के रूप में देते हैं। उन्होंने कहा कि वह इसे किसानों के बीच प्रचारित करने से पहले फिर से जांचेंगे।
सबसे पहले जापान में होती थी मियाजाकी आम की खेती
जापान के शहर मियाजाकी में मियाजाकी आम की खेती कई सालों से की जा रही है और कई जगहों पर इसे 'एग्स ऑफ सनशाइन' के नाम से जाना जाता है। स्थानीय भाषा में इसे 'ताइयो-नो-टोमागो' कहा जाता है। इस आम का रंग हरा और पीला नहीं बल्कि लाल होता है और ये डायनासोर के अंडे की तरह होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आम की इस किस्म को उगने के लिए गर्म मौसम और पानी की अधिक जरूरत होती है।