रेप आरोपी के स्वागत में 'भइया इज बैक' के पोस्टर्स लगाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
रेप के एक आरोपी को जमानत मिलने पर उसके स्वागत में पोस्टर लगाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आपत्ति जताई है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने सोमवार को सुनवाई के दौरान आरोपी छात्र नेता को इस हफ्ते सावधान रहने को कहा है। कोर्ट ने आरोपी को एक नोटिस भी जारी किया है जिसमें पूछा गया है कि उसकी जमानत रद्द क्यों नहीं की जाए। मध्य प्रदेश सरकार से भी मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई है।
आरोपी के स्वागत में लगाए गए थे 'भइया इज बैक' के पोस्टर्स
मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले का है। यहां आरोपी छात्र नेता शुभांग गोटिया को जमानत मिलने के बाद उसके समर्थकों ने 'भइया इज बैक' के पोस्टर लगाए थे। पीड़िता ने जब सुप्रीम कोर्ट में इन पोस्टर्स का जिक्र किया तो जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, "'भइया इज बैक' के पोस्टर लगाए गए हैं। आप किस बात का जश्न मना रहे हैं?" CJI ने कहा, "ये 'भइया इज बैक' क्या है? अपने भइया से कहिए कि इस हफ्ते सावधान रहें।"
आरोपी छात्र नेता का ABVP से संबंध
आरोपी शुभांग गोटिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का छात्र नेता है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि शुभांग ने शादी का झूठा वादा करके उसके साथ बार-बार रेप किया और गर्भवती होने पर उसका गर्भपात करा दिया। पीड़िता के अनुसार, वो दोनों 2018 में कॉलेज में मिले थे और उनमें दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई और आरोपी उसे कई बार घुमाने ले गया।
आरोपी ने एक प्राइवेट सेरेमनी में पीड़िता की मांग में भरा सिंदूर
पीड़िता ने दावा किया कि शुभांग ने एक प्राइवेट सेरेमनी में उसकी मांग में सिंदूर भरते हुए उसे मंगलसूत्र पहना दिया था और उसे अपनी पत्नी कहता था। हालांकि उसने सार्वजनिक तौर पर पीड़िता को अपनी पत्नी घोषित नहीं किया और बाद में शादी की बात से मुकर गया। पीड़िता के अनुसार, इस पूरे प्रकरण के दौरान वह गर्भवती भी हो गई, जिसके बाद आरोपी ने उसका गर्भपात करा दिया।
FIR दर्ज होते ही फरार हो गया था आरोपी
अंत में पीड़िता ने जबलपुर के महिला पुलिस थाने में शुभांग के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। आरोपी के खिलाफ जून, 2021 में रेप के आरोप में FIR दर्ज की गई और FIR दर्ज होते ही वो फरार हो गया। पुलिस ने उसके ऊपर 5,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नंवबर में आरोपी को जमानत दे दी और पीड़िता ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
हाई कोर्ट ने मामले के तथ्यों और गंभीरता पर गौर नहीं किया- पीड़िता
पीड़िता ने याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट ने मामले के तथ्यों और गंभीरता को नहीं देखा और उसके पुराने इतिहास पर भी गौर नहीं किया। पोस्टर्स का जिक्र करते हुए पीड़िता ने आरोपी को रसूखदार बताया है। अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।