
टाइटैनिक हादसे में बचने वाले व्यक्ति का पत्र हुआ नीलाम, 3 करोड़ से ज्यादा लगी कीमत
क्या है खबर?
15 अप्रैल, 1912 की काली तारीख को याद करके आज भी रूह कांप जाती है। इस दिन विशालकाय टाइटैनिक जहाज डूबा था और उसमें सवार 1,496 लोगों की मौत हो गई थी।
हालांकि, कई लोगों की किस्मत ने उनका साथ दिया और भगवान उनपर मेहरबान हुए, जिस कारण उनकी जान बच गई।
अब टाइटैनिक हादसे में बचने वाले एक व्यक्ति का पत्र नीलाम हुआ है, जिसकी कीमत करोड़ों में लगाई गई है।
पत्र
कौन थे पत्र लिखने वाले यात्री?
यह पत्र प्रथम श्रेणी के यात्री कर्नल आर्चीबाल्ड ग्रेसी का है, जिन्होनें इसमें टाइटैनिक की त्रासदी का वर्णन किया है। पत्र पर 10 अप्रैल, 1912 की तारीख लिखी हुई है, जिस दिन वह जहाज पर चढ़े थे।
ग्रेसी ने पत्र टाइटैनिक के केबिन C51 से लिखा था। यह पत्र 11 अप्रैल, 1912 को आयरलैंड के क्वीन्सटाउन में जहाज के रोके जाने पर पोस्ट किया गया था।
इस पर 12 अप्रैल की तारीख के साथ लंदन का पोस्टकार्ड भी चिपका था।
नीलामी
कब और कहां हुई इस पत्र की नीलामी?
इस पत्र की नीलामी का आयोजन रविवार को इंग्लैंड स्थित विल्टशायर के हेनरी एल्ड्रिज एंड सन नामक नीलामीघर ने किया था।
इसे एक अज्ञात व्यक्ति ने खरीदा है और इसकी कीमत अनुमानित कीमत से 5 गुना ज्यादा लगी है। नीलामीघर ने इसकी कीमत 68 लाख रुपये तय की थी, लेकिन यह 3.41 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है।
नीलामीकर्ता ने बताया कि इस पत्र की कीमत टाइटैनिक जहाज पर लिखे गए किसी भी अन्य पत्र से अधिक है।
लिखावट
पत्र में ग्रेसी ने की थी टाइटैनिक की तारीफ
इस पत्र को इससे पहले कभी बाजार में नहीं लाया गया था। विक्रेता के परदादा ग्रेसी के परिचित थे और उनको यह पत्र लंदन के वाल्डोर्फ होटल में मिला था।
ग्रेसी ने पत्र में लिखा, "यह एक अच्छा जहाज है, लेकिन मैं इस पर निर्णय देने से पहले अपनी यात्रा के अंत की प्रतीक्षा करूंगा।"
पत्र में कहा गया कि ग्रेसी ने यात्रा का अधिकांश समय अकेली महिलाओं के साथ बिताया, जिनमें एक महिला और 3 बहनें भी शामिल थीं।
हादसा
कैसे बची थी ग्रेसी की जान?
पत्र के मुताबिक, 14 अप्रैल को ग्रेसी ने चर्च जाने और लोगों से मिलने से पहले स्क्वैश खेला और स्विमिंग पूल में तैराकी की।
रात 11.40 बजे उन्हें अचानक झटका लगा, जिसके बाद ही उन्हें पता लगा कि जहाज के इंजन नहीं चल रहे थे। उन्होंने बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए लाइफबोट में बैठना शुरू कर दिया।
ग्रेसी कुछ दर्जन अन्य लोगों के साथ एक पलटी हुई नाव पर चढ़ने में सफल रहे, जिससे उनकी जान बच गई।