व्यक्ति ने खोज निकाला 10 करोड़ साल पुराने प्राचीन डायनासोर का पदचिह्न, अहम है खोज
क्या है खबर?
डायनासोर लगभग 6.6 करोड़ वर्ष पहले क्रिटेशियस काल के अंत में विलुप्त हो गए थे। हालांकि, आज भी उनके अवशेष खोजे जाते हैं, जो जीवाश्म विज्ञानियों और खोजकर्ताओं के लिए बेहद अहम होते हैं।
इसी कड़ी में अब इंग्लैंड के एक व्यक्ति को प्राचीन डायनासोर का करीब 10 करोड़ साल पुराना पदचिह्न मिला है। इसे जो थॉम्पसन नामक जीवाश्म विज्ञानी ने एक समुद्र तट पर ढूंढा है।
आइए इस खोज के विषय में विस्तार से जानते हैं।
खोज
समुद्र तट पर टहलते हुए मिला यह दुर्लभ पदचिह्न
वाइट कोस्ट फॉसिल्स के जीवाश्म गाइड और जीवाश्म विज्ञानी थॉम्पसन ने बताया कि वह कुछ जीवाश्म खोजने के इरादे से समुद्र तट की ओर निकले थे।
इसी दौरान उन्हें आइल ऑफ वाइट पर यह दुर्लभ पदचिह्न दिखाई दिया। एक या 2 घंटे तक चलने के बाद उन्हें मिट्टी में एक बड़ी बैंगनी वस्तु दिखाई दी।
देखते ही उन्हें एहसास हो गया कि वह इगुआनोडोन नामक डायनासोर का बहुत बड़ा पदचिह्न था।
डायनासोर
इन जगहों पर आसानी से मिल जाते हैं डायनासोर के अवशेष
थॉम्पसन के अनुसार, इगुआनोडोन डायनासोर के जीवाश्म पूरी दुनिया में कई जगहों पर मिलते रहते हैं। यूटा और कोलोराडो सहित कुछ अमेरिकी राज्यों में भी इसके नमूने पाए गए हैं।
उनके मुताबिक, सबसे ज्यादा जीवाश्म आइल ऑफ वाइट और ब्रिटेन में पाए जाते हैं। यह ऐतिहासिक खोज पिछले हफ्ते की गई थी, जिसके बाद से ही थॉम्पसन सुर्खियों में बने हुए हैं।
इस खोज के बाद अन्य जीवाश्म विज्ञानी भी इगुआनोडोन के अवशेष ढूंढने के प्रयासों में लगे हैं।
आकार
इस पदचिह्न का आकार देख अचंभित हैं लोग
थॉम्पसन ने इगुआनोडोन डायनासोर के बारे में कहा, "ये बेहद अद्भुत जानवर थे, जिनकी लंबाई 32 से 36 फीट तक हो सकती थी। ये बड़े समूहों में घूमते थे और वनस्पति खाते थे, क्योंकि ये शाकाहारी हुआ करते थे।"
खोजे गए पदचिह्न की खासियत उसका आकार है, जो लगभग 3 फीट लंबा है।
इससे मालूम होता है कि जिस इगुआनोडोन का यह पदचिह्न था, वह इस प्रजाति के अन्य डायनासोर की तुलना में बड़ा था।
अनुमान
किसी नई प्रजाति का हो सकता है यह पदचिह्न
थॉम्पसन ने कहा, "यह संभव है कि यह इगुआनोडोन की कोई खास प्रजाति हो, जिसके बारे में हम नहीं जानते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह आइल ऑफ वाइट की चट्टानों में पाए गए अन्य पैरों के निशानों से बड़ा है।"
उनका कहना है कि जब तक चट्टानों की परतों से और जीवाश्म नहीं मिल जाते, तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।
जिस कंपनी के लिए थॉम्पसन काम करते हैं, वह जीवाश्मों को देखने का मौका भी देती है।