प्रदूषण खींचने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्यूम क्लीनर हुआ शुरू, जानिए कैसे करेगा काम
क्या है खबर?
प्रदूषण एक वैश्विक चिंता है और इसी के समाधान के लिए स्विस फर्म क्लाइमवकर्स नामक कंपनी ने आइसलैंड में अपना डायरेक्ट एयर कैप्चर (DAC) तकनीक वाला उपकरण शुरू कर दिया है, जिसका नाम 'मैमथ' रखा गया है।
यह उपकरण दुनिया के सबसे बड़े वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करके वायमंडल से जलवायु प्रदूषकों को निकाल सकता है।
यह पहले बनाए गए क्लाइमवकर्स के ओर्का उपकरण से 10 गुना बड़ा है, जिसका संचालन साल 2021 में हुआ था।
तरीका
कैसे काम करेगा यह उपकरण?
इस वैक्यूम क्लीनर द्वारा उपयोग की जाने वाली DAC तकनीक हवा से कार्बन निकालकर जमीन के नीचे गहराई में डालती है, फिर उसे पत्थर में बदल देती है।
इस तरह से कार्बन को स्थायी रूप से हवा में जाने से रोका जा सकता है।
कंपनी ने इस कार्बन रोकने की प्रक्रिया के लिए आइसलैंड की फर्म कार्बफिक्स के साथ साझेदारी की है।
यह पूरी योजना आइसलैंड की भूतापीय ऊर्जा द्वारा संचालित है।
क्षमता
सालाना 36,000 टन कार्बन निकालने में सक्षम है मैमथ
क्लाइमवकर्स ने जून, 2022 में मैमथ का निर्माण शुरू किया था।
इसमें 72 'कलेक्टर कंटेनर' की जगह के साथ एक मॉड्यूलर डिजाइन है, जो हवा से कार्बन निकालता है।
वर्तमान में इस उपकरण में 12 कंटेनर मौजूद है, लेकिन अगले कुछ महीनों में इनके साथ और भी कंटेनर जोड़े जाएगें।
इससे मैमथ के पास वायुमंडल से सालाना 36,000 टन कार्बन निकालने की क्षमता होगी। यह लगभग 7,800 गैस से चलने वाली कारों को सड़क से हटाने के बराबर है।
लागत
इस प्रक्रिया की संभावित लागत
क्लाइमवकर्स ने हटाए गए प्रत्येक टन कार्बन के लिए सटीक लागत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन संकेत दिया कि यह 1,000 डॉलर प्रति टन यानी लगभग 84,000 रुपये टन हो सकती है।
कंपनी के सह-संस्थापक और सह-CEO जान वुर्जबैकर ने कहा कि जिस तरह से वे अपने उपकरण का आकार बढ़ा रहे हैं, उस तरह से उनका लक्ष्य साल 2030 तक 300 से 350 डॉलर प्रति टन (लगभग 25,000-29,000 रुपये प्रति टन) तक पहुंचने का लक्ष्य है।
बयान
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकता है उपकरण- स्टुअर्ट
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में कार्बन कैप्चर और स्टोरेज के प्रोफेसर स्टुअर्ट हाजेल्डिन ने कहा कि यह उपकरण जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सकता है।
हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि यह जरूरत का एक छोटा अंश है।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक, अभी मौजूद कार्बन हटाने वाले उपकरण सालाना केवल 0.01 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन हटाने में सक्षम हैं, जो वैश्वविक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए साल 2030 तक आवश्यक 70 मिलियन टन से बहुत दूर है।