जापान एयरलाइंस ने शुरू की अनोखी सेवा, यात्रियों को किराए पर उपलब्ध करा रही कपड़े
क्या है खबर?
जापान एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए एक अनोखी सेवा शुरू की है। इसके तहत वह जापान की यात्रा करने वाले यात्रियों को किराए पर कपड़े उपलब्ध करा रही है।
इसका मतलब है कि अब जापान जाने के लिए यात्रियों को बैग भर-भरकर कपड़े ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि वे एयरलाइन की वेबसाइट से इस सेवा को चुन सकते हैं।
चुने गए कपड़ों को यात्रियों के जापान पहुंचने पर उनके होटल या रुकने की जगह पर पहुंचाया जाएगा।
सेवा
एयरलाइंस ने 'एनी वियर, एनीवेयर' नाम से शुरू की सेवा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान एयरलाइंस ने इस सेवा की जानकारी बुधवार को दी। कंपनी ने कहा कि वह 'एनी वियर, एनीवेयर' नाम की किराए पर कपड़े देने की सेवा का ट्रायल करने जा रही हैं।
यह परीक्षण 5 जुलाई, 2023 से शुरू हो चुकी है और अगले साल अगस्त तक जारी रहेगी। इसके लिए एयरलाइन ने सुमिमोतो कॉर्पोरेशन के साथ साझेदारी की है।
इस सेवा के जरिए यात्री भारी-भरकम पैकिंग करने से बच सकेंगे।
उद्देश्य
सेवा शुरू करने का क्या है उद्देश्य?
यात्रियों के सामान का वजन कम करने वाली इस सेवा के परीक्षण से एयरलाइन का उद्देश्य सतत पर्यटन को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा एयरलाइंस का उद्देश्य इस सेवा से कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने में योगदान देने का भी है।
जापान एयरलाइंस बचाए गए विमान के वजन के जरिए से कार्बन उत्सर्जन में कमी की गणना करके यह जानकारी यात्रियों को भी देगी।
कपड़ों का चयन
वेबसाइट से किस तरह के कपड़ों कर सकेंगे ऑर्डर?
वेबसाइट पर आप फॉर्मल, कैजुअल जैसे कई कपड़ों के विकल्पों को चुन सकते हैं। इनमें टॉप, बॉटम और आउटवियर शामिल हैं।
आप किराए पर कपड़े लेने के लिए लगभग 9 कपड़ों का ऑर्डर दे सकते हैं और इन्हें 2 हफ्ते तक अपने पास रख सकते हैं। वहीं कपड़ों की कीमत 2,000 से 4,000 रुपये के बीच हो सकती है।
वेबसाइट पर आप मौसम और साइज जैसे फिल्टर लगाकर भी आसानी से कपड़े चुन सकते हैं।
जानकारी
किन लोगों के लिए फायदेमंद रहेगी यह सेवा?
जापान एयरलाइंस की यह सेवा उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है, जिन्हें नियमित रूप से कई गंतव्यों के लिए छोटी-छोटी यात्राएं करनी पड़ती हैं और कपड़े पैक करने का समय नहीं मिल पाता है।
वहीं जापान एयरलाइंस के एक प्रवक्ता ने बताया, "इस ट्रायल से हम यह देखना चाहते हैं कि यात्री इसे अपनाते हैं या नहीं। अगर उन्होंने इसे अपना लिया तो यह यात्रा का एक नया रूप बना सकता है।"