दुनिया का सबसे बदसूरत कुत्ता है 'स्कूटर', लाखों रुपये और ट्रॉफी से किया गया सम्मानित
अभी तक आपने सबसे खूबसूरत, सबसे तेज और सबसे एक्टिव जानवरों की प्रतियोगिताओं के बारे में सुना होगा, लेकिन अमेरिका में जानवरों से जुड़ी एक ऐसी प्रतियोगिता भी होती है, जिसमें सबसे बदसूरत जानवर को विजेता बनाया जाता है। इस बार हुए इस प्रतियोगिता में चीनी क्रेस्टेड नस्ल के 7 वर्षीय स्कूटर नामक कुत्ते को 'दुनिया के सबसे बदसूरत कुत्ते' का खिताब मिला है। इतना ही नहीं, स्कूटर को 1.22 लाख रुपये और ट्रॉफी से सम्मानित भी किया गया है।
अजीबोगरीब हालत में है स्कूटर
इस साल आयोजित हुई इस अजीबोगरीब प्रतियोगिता का विजेता स्कूटर है। उसके पीछे के दोनों पैर जन्म से ही टेढ़े हैं और उसके शरीर पर रोएं भी नहीं है। उसे सेविंग एनिमल्स फ्रॉम यूथेनेसिया (SAFE) बचाव समूह द्वारा बचाया गया था। इस समूह में शामिल एक व्यक्ति ने ही स्कूटर को गोद लिया था। स्कूटर उस व्यक्ति के पास करीब 7 साल तक रहा और उस दौरान लिंडा एल्मक्विस्ट नामक महिला ही स्कूटर की जांच करती थीं।
स्कूटर की मालकिन ने क्या कहा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब वह व्यक्ति स्कूटर की देखभाल करने में असमर्थ हो गया तो एल्मक्विस्ट ने स्कूटर को गोद ले लिया। एल्मक्विस्ट ने बताया, "स्कूटर शुरू से ही अपने आगे के दोनों पैरों से चलता है, लेकिन अब वह आसानी से थक जाता है। हालांकि, जब चिकित्सक ने उसके लिए डॉग कार्ट वाहन का सुझाव दिया तो शुरू में उसे इसके साथ तालमेल बिठाने में समय लगा, लेकिन अब वह उसकी मदद से तेजी से चल सकता है।"
पिछले साल इस कुत्ते को मिला था यह खिताब
पिछले साल दुनिया के सबसे बदसूरत जानवर की प्रतियोगिता में अमेरिका के एरिजोना में रहने वाले मिस्टर हैप्पी फेस नाम के एक कुत्ते को विजेता घोषित किया गया था। इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद मिस्टर हैप्पी को 1.17 लाख रुपये का इनाम मिला था। इस कुत्ते को ट्यूमर, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और सिर झुका हुआ था। उसे सीधे खड़े होने या चलने में भी परेशानी होती थी। उसकी इस खराब हालत के पीछे उसका बुरा अतीत था।
क्यों होती है यह अजीबोगरीब प्रतियोगिता?
यह अजीबोगरीब प्रतियोगिता अमेरिका के कैलिफोर्निया के पेटलुमा में सोनोमा-मारिन मेले के हिस्से के रूप में आयोजित की जाती है। इस बार इस विश्व प्रसिद्ध कार्यक्रम का आयोजन 23 जून को हुआ था। इसका उद्देश्य कुत्तों को गोद लेने को बढ़ावा देना और उन असाधारण कुत्तों को प्रदर्शित करना है, जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया है। इस दौरान उनकी खामियों का जश्न भी मनाया जाता है।