4,500 साल पहले हुआ था पहला लिप किस, अध्ययन में हुआ खुलासा
हम सभी अपने बच्चे, पार्टनर या पालतू जानवर के प्रति अपने प्यार और स्नेह को दिखाने के लिए उन्हें किस करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि पहली बार लिप किस कब किया गया था? ज्यादातर लोगों को इसका जवाब नहीं मालूम होगा, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसका जवाब ढूंढ निकाला है। दरअसल, साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि वैज्ञानिकों को 4,500 साल पहले किस के रिकॉर्ड मिले हैं।
इन शोधकर्ताओं ने किया लिप किसिंग पर शोध
डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के असीरियोलॉजिस्ट ट्राएल अर्बोल और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से सोफी लुंड रासमुसेन ने यह शोध किया है। उनके पास लिप किसिंग का सबसे पहला सबूत लगभग 2,500 ईसा पूर्व का है। दोनों शोधकर्ताओं ने इराक के प्राचीन मेसोपोटामिया में करीब 4,500 साल पहले लिप किसिंग के पहले लिखित रिकॉर्ड का पता लगाया है। उनका मानना है कि किस किसी विशिष्ट क्षेत्र में शुरू होने के बजाय कई संस्कृतियों में आम था।
क्या है लिप किसिंग का नया सबूत?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लिप किसिंग का नया सबूत मिट्टी के मॉडल पर क्यूनिफॉर्म लिपि से मिला है। यह वर्तमान इराक और सीरिया में यूफ्रेट्स और टाइग्रिस नदियों के बीच प्राचीन मेसोपोटामिया में प्रयुक्त लेखन है। इस बेबीलोनियन मिट्टी के मॉडल पर एक जोड़े को लिप किसिंग करते हुए भी दिखाया गया है। हालांकि, इससे पहले विशेषज्ञों का मानना था कि इंसानों की पहली लिप किस 3,500 साल पहले दक्षिण एशिया में हुई थी।
प्राचीन संस्कृतियों से होता आ रहा है किस का अभ्यास
शोधकर्ता अर्बोल ने कहा, "किस को एक रिवाज के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, जो विशेष रूप से किसी एक क्षेत्र में उत्पन्न होकर फैल गया। अध्ययन के मुताबिक, बहुत पहले से कई प्राचीन संस्कृतियों में किस का अभ्यास होता आ रहा है।" वहीं शोधकर्ता रासमुसेन ने कहा, "बोनोबोस और चिंपांजी पर हुए शोध से पता चला है कि दोनों प्रजातियां किस करती हैं, जिसका मतलब है कि किस का अभ्यास इंसानों में एक मौलिक व्यवहार है।"
किस के कारण फैल सकता है वायरस
वैज्ञानिकों का कहना है कि किस के कारण अनजाने में सूक्ष्मजीवों का संचरण हो सकता है, जिससे वायरस इंसानों में फैल सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, "किस से हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस 1 (HSV-1) जैसे वायरस फैसने में मदद मिल सकती है। मुझे मेसोपोटामिया के चिकित्सा ग्रंथों में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस 1 के लक्षणों वाली बीमारी का उल्लेख भी मिला है। हालांकि, वे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथ सांस्कृतिक अवधारणाओं से प्रभावित हो सकते हैं इसलिए उन्हें पढ़ा नहीं जा सकता है।"