तनाव में आने पर पौधे भी निकालते हैं रोने जैसी अल्ट्रासोनिक आवाजें, अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
अगर हम आपसे कहें कि पेड़-पौधे भी आवाज निकालते हैं, लेकिन लोगों को इसका पता नहीं चल पाता तो क्या आप इस पर विश्वास कर पाएंगे। आपका जवाब शायद ना में होगा, लेकिन यह सच है।
इजरायल के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन को गुरुवार को वैज्ञानिक जर्नल सेल में प्रकाशित किया गया।
इसमें यह दावा किया है कि जब पेड़-पौधे तनाव या दर्द में होते हैं तो वह चीखते हैं और अल्ट्रासोनिक आवाज निकालते हैं।
मामला
टमाटर और तंबाकू के पौधों पर किया गया अध्ययन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पेड़-पौधे द्वारा निकाली गई आवाज को रिकॉर्ड और उसका विश्लेषण किया।
साउंड एमिटेड बाय प्लांट्स अंडर स्ट्रेस नामक इस अध्ययन को करने के लिए टमाटर और तंबाकू के पौधों को ग्रीन हाउस में उगाया गया। इसमें अलग-अलग पौधों की अलग-अलग तरीके से देखभाल की गई।
इसके बाद पौधों से निकलने वाली आवाज को रिकॉर्ड करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली गई।
अध्ययन
अलग-अलग स्थिति में अलग-अलग आवाजें निकालते हैं पौधे
अध्ययन के मुताबिक, पौधे से आवाज को रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया के दौरान पाया गया कि अलग-अलग हालात में पौधे अलग तरह की आवाजें निकालते हैं।
एक औसत पौधा 1 घंटे में 1 बार आवाज करता है, जबकि तनाव में आए पौधे 12 से 40 बार चीखने जैसी आवाज निकालते हैं।
जिन पौधों को रोजाना पानी की जरूरत होती है, अगर उन्हें 2 दिन पानी न मिले तो वो रोने लगते हैं और उनकी ये चीखें तेज होती जाती है।
जीव-जंतुओं
जीव-जंतुओं को सुनाई देती हैं पौधों की आवाज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पौधों द्वारा निकाली गईं चीखने की आवाज भले ही इंसानों के कानों तक नहीं पहुंच पाती हैं, लेकिन अन्य पौधे और दूसरे जीव-जंतुओं जैसे गिलहरी, चमगादड़ या चूहों को यह आवाजें सुनाई देती हैं।
यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट लिहेच हेडेनी के मुताबिक, पौधों पर पलने वाली बहुत सी प्रजातियां तनावग्रस्त पौधों की मदद करने की भी कोशिश करती हैं, फिर चाहें उसका असर हो या न हो।
जानकारी
इस वजह से इंसान नहीं सुन पाते पौधों की आवज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंसान केवल 16 किलो हर्ट्ज की आवाज सुन सकते हैं। वहीं अल्ट्रासोनिक आवाज में 20 से ऊपर की आवृत्ति तक आवाज शामिल होती है।
डिहाइड्रेट हो चुके पौधे 40 से 80 किलो हर्ट्ज की आवाज निकालते हैं। यह इंसान की क्षमता से ज्यादा आवृत्ति है। इस कारण इनकी आवाजें इंसान को सुनाई नहीं देती है।
बता दें कि अल्ट्रासोनिक आवाज ज्यादा आवृत्ति की होती है और उन्हें कुत्ते, चूहे और चमगादड़ आसानी से सुन सकते हैं।