चीन: जुड़वां बच्चों का नाम ढूंढने के लिए परिवार ने किताबों में गुजार दी 3 रातें
किसी भी व्यक्ति के नाम का मतलब उसके जीवन में बहुत प्रभाव डालता है, इसलिए बच्चों का नाम बहुत सोच-समझकर रखा जाता है। हालांकि, यह संस्कृति सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि चीन में भी है और इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है। यहां एक परिवार के सदस्यों ने आने वाले जुड़वां बच्चों का नाम ढूंढने के लिए प्राचीन चीनी ग्रंथों और मोटे शब्दकोशों पर करीब 3 रातें गुजार दी। इसके बावजूद वो नाम नहीं ढूंढ सके।
क्या है मामला?
यह मामला पूर्वी चीन के शेडोंग प्रांत का है। यहां रह रही एक अज्ञात गर्भवती महिला ने अपने परिवार के 4 सदस्यों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। वीडियो में चारों सदस्य रात करीब 10:35 बजे मोटी-मोटी किताबों में महिला के आने वाले जुड़वां बच्चों के लिए नाम ढूंढने बैठते हैं। महिला ने ऐसी 3 रातों का वीडियो साझा किया और बताया कि 3 रात की मेहनत का भी कोई नतीजा नहीं निकला है।
वीडियो में ये किताबें पढ़ते दिखे सदस्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीडियो में एक युवती और युवक के साथ एक बुजुर्ग जोड़ा भी है। युवती 'थ्री हंड्रेड टैंग पोएम्स' पढ़ रही थी, जो तांग राजवंश (618-907) की लोकप्रिय कविताओं का एक संकलन है। युवती के बगल में बैठी एक बुजुर्ग महिला '300 सॉन्ग लिरिक्स' की किताब पढ़ रही थी, वहीं दूसरे बुजुर्ग व्यक्ति के पास सबसे मोटी किताब 'सिहाई' थी। यह किताब एक विशान चीनी भाषा शब्दकोश और विश्वकोश है।
पहले ही चुन लिया गया है बच्चों का उपनाम
वीडियो में सभी सदस्य जुड़वां बच्चों के लिए पहला नाम खोज रहे हैं क्योंकि बच्चों की होने वाली मां ने उनका उपनाम 'लियू' पहले से ही चुन लिया है। बता दें कि लियू चीन में सबसे आम उपनामों में से एक है, इसलिए जुड़वां बच्चों के लिए विशेष नाम खोजने में परिवार को मुश्किल हो रही है। फिलहाल चीनी मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है और यूजर्स इसे देखकर सदस्यों की कड़ी मेहनत की सराहना कर रहे हैं।
नामकरण के लिए क्या कहती है चीनी संस्कृति?
जानकारी के मुताबिक, चीनी संस्कृति में व्यक्ति का नाम सिर्फ एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उन माता-पिता का प्रतिनिधित्व करता है, जो अगली पीढ़ियों की उम्मीद है। यहां के वरिष्ठ सदस्यों का यह भी मानना है कि अच्छे नाम उनके बच्चों के लिए सौभाग्य लाते हैं, इसलिए वह सोच समझकर नाम रखते हैं। इसके अलावा चीन में जब भी नाम चुनने की बात आती है तो हमेशा परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को ही प्राथमिकता दी जाती है।