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अमेरिका: सिरदर्द से परेशान था शख्स, जांच की तो दिमाग में मिले टेपवर्म के अंडे 
माइग्रेन का दर्द उठने पर डॉक्टर के पास गया व्यक्ति, जांच हुई तो दिमाग में मिले टेपवर्म के अंडे

अमेरिका: सिरदर्द से परेशान था शख्स, जांच की तो दिमाग में मिले टेपवर्म के अंडे 

लेखन सयाली
Mar 16, 2024
01:18 pm

क्या है खबर?

सिरदर्द और माइग्रेन एक आम समस्या बन गई है, जिसके चलते लोग डॉक्टरों के पास इलाज के लिए जाते हैं। हालांकि, कई बार समस्या इतनी गंभीर और खौफनाक निकलती है कि खुद डॉक्टर भी अचंभित हो जाते हैं। ऐसा एक मामला अमेरिका में सामने आया है। यहां माइग्रेन से पीड़ित एक व्यक्ति इलाज के लिए गया। डॉक्टर ने जांच की तो पता चला कि उसके दिमाग में टेपवर्म (फीता कृमि) के अंडे हैं।

सूअर

सूअर का मांस खाने से हुए दिमाग में कीड़े 

डॉक्टरों का मानना है कि गंभीर माइग्रेन से पीड़ित इस व्यक्ति के दिमाग में टेपवर्म के अंडे अधपके सूअर के मांस का सेवन करने से हुए हैं। 52 वर्षीय व्यक्ति ने तब डॉक्टरों से परामर्श किया, जब उसका सामान्य माइग्रेन बेहद गंभीर हो गया। उसके सिर में इतना दर्द था कि कोई दवा भी उन्हें आराम नहीं पहुंचा रही थी। स्कैन होने से पता चला कि उनके सिर में टेपवर्म के कई अंडे मौजूद हैं।

बीमारी 

उच्च जोखिम वाले अंगों में नहीं पहुंचे टेपवर्म के अंडे 

जांच के बाद पीड़ित व्यक्ति में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस बीमारी का पता चला है। यह टेनियासिस के कारण होती है, जो सूअर टेपवर्म के लार्वा सिस्ट से संक्रमण का एक रूप है। ये मांसपेशियों और दिमाग के ऊतकों में प्रवेश कर सकते हैं और सूअर के मांस का सेवन करने से ही पनपते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि राहत की बात है कि व्यक्ति के दिमाग में मौजूद ये अंडे किसी उच्च जोखिम वाले अंग में नहीं पहुंच पाए थे।

कारण

व्यक्ति को थी अधपका सूअर का मांस खाने की आदत 

अमेरिकन जर्नल ऑफ केस रिपोर्ट्स के अध्ययन में कहा गया कि पूछताछ करने पर मरीज ने स्ट्रीट फूड खाने से इनकार कर दिया, लेकिन अपने जीवन के अधिकांश समय में उसने हल्का पका हुआ, कुरकुरा सूअर का मांस खाने की आदत के बारे में बताया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने माना कि यह समस्या व्यक्ति के टेनियासिस से संक्रमित होने के बाद खाना खाकर ठीक से हाथ न धोने के कारण फैली है।

जानकारी

दवाओं के जरिए व्यक्ति को दिलाया गया दर्द से आराम 

जब संक्रमित व्यक्ति को परजीवी-रोधी और सूजन-रोधी दवाइयां दी गई तो उसके माइग्रेन में सुधार हुआ। हालांकि, डॉक्टर इस बात से अचंभित हैं कि अमेरिका में दूषित सूअर का मांस कैसे मिला।

संक्रमण

हाथ न धोने से फैलती है यह समस्या 

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि सिस्टिकिकोसिस उन लोगों में भी हो सकता है, जिन्होंने कभी अमेरिका से बाहर यात्रा नहीं की है।" उदाहरण देते हुए वेबसाइट पर आगे लिखा गया है कि अगर टेपवर्म से संक्रमित एक व्यक्ति अपने हाथ नहीं धोता है और दूसरों के लिए खाना बनता है तो वह गलती से टेपवर्म के अंडों से भोजन को दूषित कर सकता है।