सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का 87 साल की उम्र में निधन
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के गुर सिखाने वाले कोच रमाकांत अचरेकर का 87 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। 1932 में मुंबई में जन्में रमाकांत आचरेकर दिग्गज क्रिकेट कोच रहे हैं। इसके साथ ही वह मुंबई क्रिकेट टीम के चयनकर्ता भी रहे हैं। सचिन हर मौके पर कहते आए हैं कि रमाकांत ने उनके जीवन में अहम भूमिका निभाई है। बचपन में सचिन के बड़े भाई अजीत उन्हें कोचिंग के लिए रमाकांत के पास लेकर गए थे।
ANI ने ट्वीट कर दी जानकारी
सचिन के साथ विनोद कांबली और अजीत आगरकर के भी कोच रहे हैं रमाकांत आचरेकर
रमाकांत आचरेकर सिर्फ सचिन के ही नहीं बलकि विनोद कांबली, चंद्रकांत पंडित, प्रवीण आमरे, अजीत आगरकर, रमेश पोवार और समीर दीघे जैसे दिग्गजों के कोच रहे हैं। नब्बे के दशक में एक वक्त ऐसा भी था जब भारतीय टीम में आचरेकर के तीन शिष्य सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली और प्रवीण आमरे एक साथ खेल रहे थे। रमाकांत आचरेकर ने भारत को एक से बढ़ कर एक क्रिकेटर दिए हैं। सचिन ने भी कई मौको पर इसका ज़िक्र किया है।
पद्मश्री और द्रोणाचार्य से सम्मानित थे रमाकांत आचरेकर
क्रिकेट को बेहतरीन क्रिकेटर देने वाले रमाकांत जी को 1990 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2010 में रमाकांत आचरेकर जी को पद्मश्री भी मिला था। सचिन अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर का बहुत सम्मान करते थे। सचिन ने कई कार्यक्रमों में बताया कि रमाकांत जी की वजह से ही वह इस मुकाम पर पहुंचे है। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर हर साल पांच सितंबर को टीचर्स डे के मौके पर रमाकांत आचरेकर से मिलने जाते थे।
सचिन ने कोच रमाकांत के लिए टीचर्स डे पर बनाया था यह वीडियो
सचिन और कोच रमाकांत की इमोशनल स्टोरी
सचिन ने कई मौको पर उनके कोच रमाकांत आचरेकर और उनकी इमोशनल स्टोरी सुनाई है। सचिन ने बताया कि कोच रमाकांत स्टंप पर एक रूपये का सिक्का रख देते थे और सचिन से बल्लेबाज़ी करने के लिए कहते थे। यदि सचिन उस दिन आउट नहीं होते थे तो वह सिक्का सचिन का हो जाता था। सचिन ने अपने जीवन में कुल 13 सिक्के इसी तरह कमाए हैं, जिन्हें वह 'गोल्ड मेडल्स' मानते हैं।