वनडे विश्व कप इतिहास में फाइनल मुकाबले में टॉस की क्या भूमिका रही? जानिए आंकड़े
वनडे विश्व कप 2023 का फाइनल मुकाबला भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के बीच खेला जा रहा है। पैट कमिंस ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है। वनडे विश्व कप के इतिहास में टॉस जीतने वाली टीम ने 5 बार खिताब अपने नाम किया है। वहीं, 7 बार टॉस हारने वाली टीम ने विश्व कप जीता है। ऐसे में आइए विश्व कप के फाइनल में टॉस का इतिहास क्या रहा है, जान लेते हैं।
1975 फाइनल- टॉस हारकर खिताब जीत गई वेस्टइंडीज
वनडे विश्व कप का पहला संस्करण साल 1975 में खेला गया था। इसके फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का सामना ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम से हुआ था। मैच में कंगारू टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। उनका यह फैसला गलत साबित हुआ और वेस्टइंडीज करते हुए 291 रन बना दिए थे। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम सिर्फ 274 रन ही बना सकी और मुकाबला 17 रन से हार गई थी।
1979 फाइनल - वेस्टइंडीज फिर टॉस हारी, लेकिन खिताब जीत गई
वनडे विश्व कप का दूसरा संस्करण साल 1979 में खेला गया था। उस बार भी फाइनल में वेस्टइंडीज पहुंची थी। फाइनल में उनका सामना इंग्लैंड क्रिकेट टीम से था। इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रियरली ने मैच में टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया। उनका यह निर्णय गलत साबित हुआ और वेस्टइंडीज ने 286 रन बना दिए। जवाब में इंग्लैंड 194 रन ही बना सकी और वेस्टइंडीज लगातार दूसरी बार विश्व कप जीतने में सफल रही थी।
1983 फाइनल- वेस्टइंडीज ने टॉस जीता लेकिन मुकाबला हारे
साल 1983 के विश्व कप में वेस्टइंडीज टीम लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंची थी। उनके कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने तो मैच में शानदार प्रदर्शन किया था और पूरी भारतीय क्रिकेट टीम सिर्फ 183 रन पर ऑलआउट हो गई थी। हालांकि, दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज सिर्फ 140 रन ही बना पाई और भारतीय टीम ने पहली बार विश्व कप का खिताब जीता था।
1987 फाइनल- ऑस्ट्रेलिया ने टॉस के साथ मुकाबला भी जीता
साल 1987 के विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना इंग्लैंड से हुआ था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एलन बॉर्डर ने इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। उन्होंने 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 253 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 246 रन ही बना पाई थी। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली बार विश्व कप का खिताब अपने नाम करने में सफल रही थी।
1992 फाइनल- लगातार दूसरे विश्व कप में टॉस जीतने वाली टीम चैंपियन बनी
साल 1992 के विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को हराकर विश्व कप का खिताब जीता था। पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने फाइनल मैच में टॉस जीता था और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। उनका यह फैसला सही साबित हुआ और पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 249 रन बना दिए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम सिर्फ 227 रन बनाने में कामयाब हो पाई थी।
1996 फाइनल- एक बार फिर टॉस जीतने वाली टीम खिताब जीत गई
साल 1996 का फाइनल मुकाबला श्रीलंका क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। इस मुकाबले में श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने बल्लेबाजी करते हुए 241 रन बनाए थे। जवाब में श्रीलंका की टीम ने सिर्फ 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। यह लगातार तीसरा विश्व कप था जब टॉस जीतने वाली टीम चैंपियन बनी थी। श्रीलंका पहली बार चैंपियन बनी थी।
1999 फाइनल- पाकिस्तान ने टॉस जीता लेकिन फाइनल हार गए
लगातार 3 विश्व कप के बाद साल 1999 पहला विश्व कप था जब फाइनल में टॉस जीतने वाली टीम मुकाबला हार गई थी। पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। उनका यह फैसला इतना गलत साबित हुआ कि पाकिस्तान की पूरी टीम सिर्फ 132 रन पर ऑलआउट हो गई थी। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। कंगारू टीम दूसरी बार चैंपियन बनी थी।
2003 फाइनल- लगातार दूसरी बार टॉस जीतने वाली टीम फाइनल हार गई
साल 2003 के विश्व कप फाइनल में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ था। भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। उनका यह फैसला पूरी तरह से गलत साबित हुआ और कंगारू टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 359 रन बना दिए थे। जवाब में दूसरी पारी में उतरी भारतीय टीम सिर्फ 234 रन बनाने में सफल रही। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरा खिताब अपने नाम किया था।
2007 फाइनल- ऑस्ट्रेलिया ने टॉस के साथ मुकाबला भी जीता
साल 2007 के फाइनल में बारिश के चलते मैच 38 ओवर का कर दिया गया था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिग ने मैच में टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उनका यह फैसला सही साबित हुआ और कंगारू टीम ने 38 ओवर में 281 रन बना दिए थे। जवाब में श्रीलंका की टीम 215 रन ही बना पाई थी। यह लगातार तीसरा विश्व कप था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने अपने नाम किया था।
2011 फाइनल- टॉस जीतकर फाइनल हारी श्रीलंका
साल 2011 का विश्व कप फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। श्रीलंका के कप्तान कुमार संगाकारा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। श्रीलंका ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। भारतीय टीम 1983 के बाद पहली बार विश्व कप जीतने में सफल रही थी।
2015 फाइनल- न्यूजीलैंड ने टॉस जीता लेकिन फाइनल हार गए
साल 2015 का विश्व कप फाइनल पहला मौका था जब न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में पहुंची थी। टीम के कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। उनका यह फैसला गलत साबित हुआ और पूरी टीम 45 ओवर में सिर्फ 183 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 3 विकेट खोकर यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया। वह पांचवीं बार चैंपियन बनी थी। इसके बाद टीम फाइनल नहीं जीत पाई है।
2019 फाइनल- न्यूजीलैंड ने फिर टॉस जीता और फाइनल हार गए
साल 2015 की तरह न्यूजीलैंड ने साल 2019 में भी टॉस जीता था। उस समय टीम के कप्तान केन विलियमसन थे और उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। पूरी टीम 241 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम ने भी 241 रन बनाए थे। सुपर ओवर में यह मैच गया था और वहां भी टाई रह गया था। हालांकि, सबसे ज्यादा गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाने के कारण इंग्लैंड को जीत मिली थी।