बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: मैथ्यू हेडन ने की मुश्किल में फंसी ऑस्ट्रेलियाई टीम को मदद की पेशकश
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती दो टेस्ट मैचों में भारतीय स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को जमकर छकाया है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज मैथ्यू हेडन मौजूदा टेस्ट सीरीज में बल्लेबाजी की समस्या को दूर करने में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की मदद करने के लिए तैयार हैं। हेडन ने कहा कि वह भारतीय स्पिनरों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की मुफ्त में मदद करने के लिए खुशी-खुशी अपना हाथ आगे बढ़ाएंगे। हेडन ने क्या कुछ, कहा आइए जानते हैं।
मुझे यह जिम्मेदारी दी जाती है तो मैं इसे पूरा करूंगा- हेडन
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, "शत प्रतिशत, दिन हो या रात, किसी भी समय, मुझे यह जिम्मेदारी दी जाती है तो मैं इसे पूरा करूंगा। मुझे यकीन है कि मैं जिसका प्रतिनिधित्व करता हूं कि उनके लिए काफी कुछ करना चाहूंगा।" हेडन ने आगे कहा, "जब भी मुझे कुछ भी करने के लिए कहा जाता है, मैंने उसके लिए हमेशा हां ही कहा है।"
CA से कोई पैसा नहीं लूंगा- हेडन
हेडन ने कहा, "मैं ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ अपने समय के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) से कोई पैसा नहीं लूंगा। मैं चाहता हूं कि बोर्ड मौजूदा खिलाड़ियों की पहुंच पिछली पीढ़ी तक प्रदान करे।" उन्होंने आगे कहा, "आप उन्हें (पूर्व खिलाड़ियों को) अलग नहीं कर सकते। आप उनका सम्मान करते हुए काफी कुछ पा सकते हैं। एक प्रणाली होनी चाहिए जिसके जरिए हम कैसे पूर्व खिलाड़ियों से कुछ प्राप्त कर सकते हैं।"
अन्य देश उठा रहे हैं ऑस्ट्रेलिया की कोचिंग का लाभ- हेडन
हेडन ने श्रेयस अय्यर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स (DC) में रहते हुए रिकी पोंटिंग से काफी कुछ सीखा है। उन्होंने इंग्लैंड की टी-20 विश्व कप जीत में मैथ्यू मॉट की भूमिका का हवाला देते हुए कहा कि अन्य देश ऑस्ट्रेलिया की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग प्रतिभा का लाभ उठा रहे हैं। हेडन ने कहा, "हमारे सुपरस्टार्स पहले टेस्ट से 9 दिन पहले बिग बैश लीग (BBL) खेल रहे थे, ऐसे में उनकी तैयारी किस लिहाज से होती।"
भारत में शानदार रहा है हेडन का टेस्ट रिकॉर्ड
51 वर्षीय हेडन ऑस्ट्रेलिया की स्वर्णिम पीढ़ी का हिस्सा रहे हैं जिसमें स्टीव वॉ, एडम गिलक्रिस्ट, शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे खिलाड़ी शामिल थे। उन्होंने भारतीय सरजमीं पर 11 मैचों में 51.35 की औसत से 1,027 रन बनाए थे। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 5 अर्धशतक निकले थे। वह गिलक्रिस्ट के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा थे जिसने 2004 में भारत में सीरीज जीतने के तीन दशक लंबे इंतजार को खत्म किया था।
भारत के खिलाफ स्पिन का तिलिस्म नहीं तोड़ पा रहा है ऑस्ट्रेलिया
कंगारू बल्लेबाज वर्तमान टेस्ट सीरीज में भारतीय स्पिनर्स के सामने बुरी तरह से बेबस नजर आ रहे हैं। दोनों टेस्ट में 40 में से 32 विकेट तो रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने ही चटकाए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने नागपुर और दिल्ली में खेले गए दोनों टेस्ट मैचों की चार पारियों में क्रमशः 177, 91 और 262 और 113 के ही स्कोर बनाए हैं। सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा एकमात्र ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हैं जिन्होंने अब तक सीरीज में एक अर्धशतक जमाया है।