
ECB ने की पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने की तैयारी, जानिए क्या है योजना
क्या है खबर?
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने की तैयारी कर ली है।
यह दोनों के बीच एक टेस्ट सीरीज है, जो महान क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में आयोजित की जाती है।
हालांकि, अब ECB इस साल जून-जुलाई में भारत के आगामी इंग्लैंड दौरे के दौरान इस ट्रॉफी को रिटायर कर सकता है।
आइए जानते हैं ECB यह कदम क्यों उठाया है।
टिप्पणी
ECB ने मामले में टिप्पणी से किया किनारा
हालांकि, अभी ट्रॉफी को रिटायर करने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि अब दोनों देशों के क्रिकेट दिग्गजों के नाम पर नई ट्रॉफी शुरू की जा सकती है।
क्रिकबज ने ECB प्रवक्ता से संपर्क किया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से किनारा कर लिया।
उन्होंने कहा, "यह ऐसा विषय नहीं है जिस पर हम आपको कोई टिप्पणी दे सकें।" हालांकि, पटौदी के परिवार को इस निर्णय की जानकारी दे दी गई है।
नाराजगी
ECB के व्यवहार पर शर्मिला टैगोर ने जताई नाराजगी
दिवंगत पटौदी की पत्नी शर्मिला टैगोर ने पूर्व में ECB द्वारा किए गए व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की थी।
उन्होंने याद किया कैसे तत्कालीन इंग्लिश कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने देखा कि टाइगर (पटौदी) ट्रॉफी के भविष्य को लेकर अनिश्चित थे।
उन्होंने 2018 में स्पोर्टस्टार को से कहा था, "टाइगर ने उन्हें ट्रॉफी सौंपी, लेकिन इस आदान-प्रदान की न तस्वीर खींची गई और न ही प्रसारण किया गया।"
बता दें कि एक पटौदी का सितंबर 2011 में निधन हो गया था।
इतिहास
ट्रॉफी को रिटायर करना है बड़ी दुर्लभ घटना
क्रिकेट में ट्रॉफी को रिटायर करना आम बात नहीं है, लेकिन ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें ट्रॉफी का नाम बदला गया।
विजडन ट्रॉफी को रिटायर कर दिया गया और उसका नाम बदलकर रिचर्ड्स-बॉथम ट्रॉफी कर दिया गया।
पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत 2007 में भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान हुई थी।
भारत में इसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष के नाम पर एंथनी डी मेलो ट्रॉफी कहा जाता है और यह 1951 से खेली जा रही है।