यॉर्कशायर क्लब पर गंभीर आरोप, पुजारा और अन्य एशियाई खिलाड़ी हुए हैं नस्लभेद का शिकार
इंग्लिश क्रिकेट क्लब यॉर्कशायर के पूर्व खिलाड़ी अजीम रफीक ने आरोप लगाए थे कि क्लब में संस्थागत नस्लभेद के लिए जगह है। उन्हें क्लब के लिए काम कर चुके कुछ पूर्व लोगों और साथ ही क्लब के लिए खेल चुके कुछ पूर्व खिलाड़ियों का भी साथ मिल गया है। रफीक को सपोर्ट करने के साथ ही एक पूर्व कर्मचारी ने कहा है कि भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा भी वहां नस्लभेद का शिकार हो चुके हैं।
पुजारा को बुलाया जाता था स्टीव
ताज बट और टोनी बौरी नामक यॉर्कशायर के दो पूर्व कर्मचारियों ने क्लब में चलने वाले संस्थागत नस्लभेद के खिलाफ सबूत भी दिए हैं। बट ने कहा, "एशियाई कम्यूनिटी के बारे में बात करते समय टैक्सी ड्राइवर्स और रेस्टोरेंट वर्कर्स का उदाहरण दिया जाता है। वे इस कम्यूनिटी के सभी लोगों को स्टीव कहते हैं। विदेशी खिलाड़ी के रूप में आने वाले पुजारा को भी वे लोग स्टीव कहते थे।"
सितंबर में रफीक ने लगाए थे नस्लभेद का शिकार होने के आरोप
2018 में यॉर्कशायर छोड़ने वाले पूर्व ऑफ-स्पिनर रफीक ने अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा कि वह आत्महत्या करने के करीब पहुंच गए थे। पिछले महीने स्वतंत्र रूप से जांच कर रही टीम को दिए इंटरव्यू के दौरान रफीक ने कहा था कि उन्हें उनकी नस्ल के कारण निशाना बनाया गया था। इस साल सितंबर में ही उन्होंने मीडिया के सामने नस्लभेद का शिकार होने की अपनी बात कही थी।
यॉर्कशायर के साथ ही बीता है रफीक का पूरा करियर
रफीक ने 17 साल की उम्र में 2008 में यॉर्कशायर के लिए अपना फर्स्ट-क्लास डेब्यू किया था। 2011 में वह लोन पर डर्बीशायर भी गए, लेकिन इसके अलावा उनका पूरा करियर यॉर्कशायर के साथ ही बीता है। उन्होंने क्लब के लिए 39 फर्स्ट-क्लास मैचों में 72 और 35 लिस्ट-ए मैचों में 43 विकेट लिए हैं। रफीक ने 95 टी-20 मैचों में 102 विकेट लिए हैं। वह यॉर्कशायर के कप्तान भी रह चुके हैं।
2015 में यॉर्कशायर से जुड़े थे पुजारा
2015 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में किसी फ्रेंचाइजी द्वारा नहीं खरीदे जाने के बाद पुजारा ने यॉर्कशायर के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। आखिरी बार 2018 में वह क्लब के लिए खेलते दिखे थे।