BCCI की नई क्रिकेट सलाहकार समिति में अशोक मल्होत्रा, जतिन परांजपे और सुलक्षणा नायक का चयन
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) की नियुक्त करने की घोषणा कर दी।
इस तीन सदस्यीय समिति में अशोक मल्होत्रा, जतिन परांजपे और सुलक्षणा नायक को शामिल किया गया है।
इस समिति का कार्य काफी व्यापक स्तर का होता है। टीम से जुड़ी नियुक्तियों में इस समिति की सिफारिश को प्रमुखता से जगह दी जाती है।
आइये जानते हैं CAC से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में।
जानकारी
CAC सदस्यों से जुड़ी अहम जानकारी
मल्होत्रा ने भारत के लिए सात टेस्ट और 20 वनडे मैच खेले हैं। पूर्व में वह इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (ICA) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
वहीं परांजपे ने भारत के लिए चार वनडे मैच खेले हैं। वह एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर पुरुष चयन समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।
सुलक्षणा ने राष्ट्रीय टीम की ओर से दो टेस्ट, 46 वनडे और 31 टी-20 मैच खेले हैं।
पुनर्गठन
इसलिए फिर से किया गया CAC का गठन
सुलक्षणा पिछली तीन सदस्यीय CAC का भी हिस्सा थीं। उस समिति के दो सदस्य पूर्व क्रिकेटर मदन लाल और आरपी सिंह थे।
मदनलाल 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं जिसके चलते वे इस समिति में बने रहने के लिए अयोग्य हो गए थे।
वहीं दूसरी ओर आरपी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीम मुम्बई इंडियंस (MI) के साथ टेलेंट स्काउट के रूप में जुड़ गए थे। इस वजह से समिति में दो पद रिक्त हो गए थे।
जिम्मेदारी
CAC के लिए ये होगी अगली जिम्मेदारी
सुलक्षणा और आरपी ने ही नवम्बर 2021 में भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच पद के लिए राहुल द्रविड़ का इंटरव्यू लिया था।
अब नवगठित समिति का पहला काम पांच सदस्यीय सीनियर पुरुष चयन समिति के नए सदस्यों को चुनने का रहेगा।
18 नवम्बर को BCCI ने चयन समिति के सभी पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे। आवेदन की अंतिम तारीख 28 नवंबर थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 60 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं।
चयन समिति
जल्द होगा चयन समिति का गठन
टी-20 विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद हाल ही में BCCI ने पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली पिछली समिति को बर्खास्त कर दिया था।
बोर्ड द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, चयन समिति सदस्य के लिए उम्मीदवार को कम से कम सात टेस्ट या 30 प्रथम श्रेणी मैच या 10 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच और 20 प्रथम श्रेणी मैच खेलने चाहिए थे।
आवेदक को कम से कम पांच साल पहले खेल से संन्यास भी लिया होना चाहिए।