Page Loader
पैरालंपिक खेलों में अब तक इन भारतीय खिलाड़ियों ने जीते हैं पदक
24 अगस्त से शुरू होने हैं पैरालंपिक खेल

पैरालंपिक खेलों में अब तक इन भारतीय खिलाड़ियों ने जीते हैं पदक

Aug 23, 2021
10:00 pm

क्या है खबर?

भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक शानदार रहा था। 08 अगस्त को समाप्त हुए टोक्यो खेलों में भारत ने एक स्वर्ण सहित कुल सात पदक जीते थे। वहीं अब पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 24 अगस्त से होनी है, जिसमें भारत बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा होगा। अब तक भारत ने पैरालंपिक खेलों में चार स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते हैं। आइए भारत की ओर से पैरालंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं।

1972, हीडलबर्ग पैरालंपिक

मुरलीकांत पेटकर ने जीता देश के लिए पहला गोल्ड

मुरलीकांत पेटकर ने पैरालंपिक में देश का पहला पदक जीता है, जब उन्होंने पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में 37.33 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था। पाटेकर मूल रूप से भारतीय सेना में एक मुक्केबाज थे, जिन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अपना हाथ खो दिया था और बाद में तैराकी और अन्य खेलों में चले गए थे। वह भारत के पहले (पैरालंपिक और ओलंपिक में से) व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बने थे।

1984, न्यूयॉर्क (अमेरिका), स्टोक मैंडविल (यूके) पैरालंपिक

जोगिंदर ने जीते तीन पदक, केसरकर ने जीता रजत

जोगिंदर सिंह बेदी ने गोला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता। जबकि चक्का और भाला फेंक स्पर्धाओं में कांस्य पदक हासिल किया। उनके नाम सबसे अधिक पैरालंपिक पदक जीतने वाले भारतीय होने का रिकॉर्ड दर्ज है। भीमराव केसरकर ने 1984 पैरालपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता था। वह भाला फेंक में हमवतन जोगिंदर सिंह बेदी से आगे रहे थे।

2004, एथेंस पैरालंपिक

झाझरिया ने जीता स्वर्ण और राजिंदर ने कांस्य पर जमाया कब्जा

देवेंद्र झाझरिया ने एथेंस खेलों में पुरुषों की भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर पैरालंपिक पदक के लिए भारत के 20 साल के इंतजार को समाप्त कर दिया। एथेंस में देवेंद्र ने 62.15 मीटर का अपना थ्रो फेंका। वह टोक्यो पैरालंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नजर आएंगे। एथेंस खेलों में राजिंदर सिंह राहेलू ने 56 किग्रा पुरुषों की पॉवरलिफ्टिंग स्पर्धा में भाग लिया। उन्होंने 157.5 किग्रा के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया था।

जानकारी

गिरीशा नागराजेगौड़ा (2012, लंदन पैरालंपिक) ने ऊंची कूद में जीता रजत

लंदन पैरालंपिक में भारत की झोली में सिर्फ एक पदक आया। पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा में भारत के गिरीशा नागराजेगौड़ा ने रजत पदक जीता। उन्होंने 1.74 मीटर की छलांग लगाकर पदक अपने नाम किया। वह ऊंची कूद में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।

2012, लंदन पैरालंपिक

झाझरिया ने जीता अपना दूसरा स्वर्ण

झाझरिया ने इतिहास की किताबों में अपना नाम तब दर्ज करवा लिया, जब उन्होंने रियो में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 63.97 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और पैरालंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। पैरालंपिक में भारत के सबसे सफल एथलीटों में से एक, झाझरिया ने अपने विश्व रिकॉर्ड को भी बेहतर बनाया जो उन्होंने 12 साल पहले एथेंस खेलों में बनाया था।

2016, रियो पैरालंपिक

मरियप्पन थंगावेलु और वरुण भाटी ने ऊंची कूद में जीते पदक

मरियप्पन थंगावेलु ने रियो खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में 1.89 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता। वह देश के केवल तीन स्वर्ण पदक विजेता पैरालंपिक खिलाड़ियों में से एक हैं। वरुण सिंह भाटी ने हमवतन थंगावेलु के साथ रियो खेलों में ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता। छोटी उम्र में पोलियोमाइलाइटिस से पीड़ित भाटी ने 1.86 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

जानकारी

पैरालंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं दीपा मलिक

दीपा मलिक पैरालंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला बनीं जब उन्होंने रियो में शॉटपुट स्पर्धा में 4.61 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता।