जानें दो पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाले इकलौते भारतीय देवेंद्र झाझरिया से जुड़ी अहम बातें
क्या है खबर?
पैरालंपिक 2020 की शुरुआत 24 अगस्त से होने वाली है और इसको लेकर भारत ने अपना दल भी फाइनल कर लिया है। इस दल में देवेंद्र झाझरिया नाम के एक एथलीट भी शामिल हैं।
भाला फेंक में हिस्सा लेने वाले देवेंद्र तीसरी बार पैरालंपिक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। देवेंद्र पैरालंपिक में दो स्वर्ण जीतने वाले इकलौते भारतीय हैं।
आइए जानते हैं देवेंद्र के बारे में कुछ अहम बातें।
हादसा
आठ साल की उम्र में गंवा दिया था बायां हाथ
राजस्थान के चुरु के रहने वाले देवेंद्र झाझरिया आठ साल की उम्र में ही एक बड़े हादसे का शिकार हो गए थे। वह पेड़ पर चढ़ रहे थे और इसी दौरान उनका हाथ बिजली के तार से छू गया।
इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर्स को मजबूरी में उनका बांया हाथ काटना पड़ा था। उनके बाएं हाथ को कोहनी के नीचे से काटा गया है।
शुरुआत
इस तरह हुई भाला फेंक की शुरुआत
1997 में वह एक स्कूल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे और इसी दौरान द्रोणाचार्य अवार्डी कोच आर डी सिंह की नजर उन पर पड़ी थी। इसके बाद से ही सिंह ने उन्हें चुन लिया और कोचिंग देने लगे।
सिंह की कोचिंग में आने के बाद देवेंद्र ने अधिक समय नहीं लिया और पांच साल में ही उन्होंने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2004 पैरालंपिक में भी जगह बनाई थी।
रिकॉर्ड
लगातार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हैं देवेंद्र
2004 में अपने पहले ही पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता था और पुराने 59.77 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2016 रियो पैरालंपिक में उन्होंने 63.97 मीटर की दूरी तय करके एक और रिकॉर्ड बनाया और अपना दूसरा स्वर्ण जीता।
2020 पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करते हुए उन्होंने 65.71 मीटर की थ्रो की और अपने विश्व रिकॉर्ड को और मजबूत कर लिया।
जानकारी
देवेंद्र से जुड़ी अन्य जरूरी बातें
2004 में देवेंद्र पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय बने थे। 1972 के बाद भारत को पहला पैरालंपिक स्वर्ण मिला था। इसके अलावा वह दो पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाले इकलौते भारतीय भी हैं।
देवेंद्र खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड हासिल कर चुके हैं। पद्मश्री पाने वाले वह इकलौते पैरा एथलीट हैं। 2012 में ही उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। फिलहाल वह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) में काम करते हैं।