
एक्स ने कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर की याचिका, मनमाने कंटेंट हटाने से सुरक्षा की मांग की
क्या है खबर?
एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी एक्स ने आज (1 जुलाई) कर्नाटक हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि उसे 'हर टॉम, डिक और हैरी अधिकारी' द्वारा दिए जा रहे कंटेंट हटाने के आदेशों से सुरक्षा दी जाए। कंपनी ने कहा कि ऐसे निर्देशों में सही प्रक्रिया और निगरानी नहीं होती। एक्स ने IT एक्ट की धारा-79 के तहत इन आदेशों को चुनौती दी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्वीकार कर ली है और अंतिम सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
मामला
महिला की वीडियो को हटाने पर आपत्ति
एक्स के वकील ने बताया कि हाल ही में रेल मंत्रालय ने एक वीडियो को हटाने का आदेश दिया, जिसमें महिला रेलवे ट्रैक पर कार चला रही थी। एक्स का तर्क है कि यह एक खबर थी, लेकिन फिर भी हटाने को कहा गया। वकील ने कहा कि यह IT कानून का गलत इस्तेमाल है। उनका कहना है कि सरकार की इस तरह की कार्रवाई से अभिव्यक्ति की आजादी को खतरा है, इसलिए एक्स कोर्ट से सुरक्षा मांग रहा है।
समर्थन
डिजिटल मीडिया संस्थाओं का समर्थन
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अधिकारी 'टॉम, डिक और हैरी' नहीं हैं, बल्कि जिम्मेदार लोग हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर पूरी छूट की उम्मीद नहीं होनी चाहिए। इस बीच डिजिटल मीडिया हाउस के एक समूह ने भी कोर्ट में कहा कि कंटेंट हटाने से पहले कंटेंट बनाने वाले की बात सुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मनमानी सेंसरशिप पत्रकारिता और अभिव्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकती है।