किस काम आता है पल्स ऑक्सीमीटर? जानिए कैसे बचाता है आपकी जान
पल्स ऑक्सीमीटर का नाम आपने कोरोनाकाल के दौरान खूब सुना होगा। देखने में तो यह एक छोटा सा गैजेट है, लेकिन यह आपकी जान बचाने में मददगार होता है। यह डिजिटल डिस्प्ले वाली छोटी मशीन है। इस कारण इसे पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर (PPO) भी कहा जाता है। यह आपके रक्त में ऑक्सीजन की लेवल को नापने के काम आता है और निर्धारित से कम होने पर आपको सतर्क कर देता है। आइये जानते हैं पल्स ऑक्सीमीटर कैसे काम करता है।
ऐसे करें पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग
पल्स ऑक्सीमीटर को पेपर या क्लोथ क्लिप की तरह पीछे से दबाकर हाथ की अंगुली में फंसाया जाता है। फिर इसे ऑन करना होता है। इसकी डिस्प्ले खून में ऑक्सीजन लेवल की रीडिंग प्रदर्शित करती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95-100 फीसदी के बीच होना चाहिए। इससे कम लेवल फेफड़ों में परेशानी का संकेत देता है। ऑक्सीजन लेवल 92 फीसदी से नीचे आने पर व्यक्ति को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है।
गैजेट का उपयोग करते समय रखें ये सावधानियां
इस गैजेट का इस्तेमाल फेफड़ों की बीमारी- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा, निमोनिया और फेफड़ों का कैंसर से ग्रसित मरीजों के लिए उपयोगी है। साथ ही रक्ताल्पता और हृदय रोगियों के लिए बहुत काम की मशीन है। इसके सही इस्तेमाल के लिए जिस अंगुली से रीडिंग ले रहे हैं, उसके नाखून पर कोई रंग नहीं होना चाहिए। इसके अलावा व्यक्ति के हाथ ठंडे और नाखून लंबे नहीं होने चाहिए इसके अलावा मरीज का ब्लड सर्कुलेशन सही रहना चाहिए।