कार के 3-सिलेंडर और 4-सिलेंडर इंजन में क्या है अंतर? जानिए कौन-सा है बेहतर विकल्प
वर्तमान में आने वाली अधिकांश कारें 4 और 3-सिलेंडर इंजन के साथ आती हैं। 4-सिलेंडर इंजन लंबे समय से चालकों के बीच लोकप्रिय रहा है। अब उत्सर्जन मानकों की पालना करने के लिए कार निर्माता ज्यादातर गाड़ियों में छोटा 3-सिलेंडर इंजन पेश कर रहे हैं। यह पावरट्रेन अपनी बेहतरीन ईंधन दक्षता और परफॉरमेंस के चलते पसंद किया जाता है। आज कार गाइड में जानते हैं कि 4-सिलेंडर और 3-सिलेंडर में क्या अंतर है और दोनों में से कौन-सा बेहतर है।
दोनों इंजन में है ये प्रमुख अंतर
3-सिलेंडर और 4-सिलेंडर इंजन के बीच मुख्य अंतर को पावर, वजन और माइलेज का होता है। 3-सिलेंडर इंजन छोटा, हल्का होता है और मूविंग पार्ट्स कम होने से बेहतर माइलेज और कम उत्सर्जन देता है। हालांकि, बड़ी गाड़ियों और पहाड़ी पर चढ़ाई में कम पावर दिक्कत पैदा करती है। दूसरी तरफ 4-सिलेंडर इंजन बड़ा और भारी होने के साथ बैलेंस्ड फायरिंग ऑर्डर के कारण अधिक पावर और सुचारू संचालन प्रदान करता है, लेकिन ज्यादा मूविंग पार्ट माइलेज घटा देते हैं।
दोनों में से कौन-सा इंजन है बेहतर?
किफायती कीमत के साथ अधिक माइलेज और कम उत्सर्जन चाहने वाले खरीदारों के लिए 3-सिलेंडर इंजन अच्छा विकल्प है। यह इंजन छोटी और कॉम्पैक्ट कारों के लिए अच्छा हैं, जिन्हें अधिक पावर की आवश्यकता नहीं होती। दूसरी ओर, 4-सिलेंडर इंजन बड़ी कारों और उन उपभोक्ताओं के लिए बेहतर काम करता है, जो अधिक पावर और टॉर्क के साथ तेज रफ्तार चाहते हैं। इसके अलावा यह इंजन आरामदायक ड्राइविंग और अच्छी रीसेल वैल्यू चाहने वालों के लिए अच्छा विकल्प है।