
क्या है ISRO का चंद्रयान मिशन? जानिए इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने इसी महीने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दी है।
यह मिशन चंद्रमा पर एक बड़ा रोवर भेजने की योजना का हिस्सा है। इससे पहले भारत ने चंद्रयान-3 के जरिए सफल लैंडिंग की थी।
चंद्रयान-5 को जापान के सहयोग से तैयार किया जाएगा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह का अध्ययन और वहां से नमूने एकत्र करना है।
इसकी लॉन्चिंग चंद्रयान-4 के बाद होगी, जिसे 2027 में भेजने की योजना है।
मिशन
क्या है चंद्रयान-5 मिशन?
चंद्रयान-5 मिशन का मकसद चंद्रमा की सतह का गहराई से अध्ययन करना और वहां मौजूद खनिजों की जानकारी जुटाना है।
इस बार 250 किलोग्राम वजनी रोवर चंद्रमा पर उतरेगा, जो पहले के मिशनों के मुकाबले अधिक उन्नत होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मिशन चंद्रमा पर भविष्य के मानव मिशनों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
जापान के सहयोग से इस मिशन में नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे चंद्रमा से नमूने लाने की प्रक्रिया आसान होगी।
प्रक्रिया
कैसे किया जाएगा मिशन पूरा?
इस मिशन में एक शक्तिशाली लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और रोवर को तैनात करेगा। यह रोवर चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों का विश्लेषण करेगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस मिशन में उन्नत सेंसर और कैमरे होंगे, जो चंद्रमा की सतह की विस्तृत तस्वीरें भेजेंगे।
इस मिशन की सबसे खास बात यह होगी कि इसमें चंद्रमा से नमूने एकत्र कर उन्हें पृथ्वी पर लाने की योजना बनाई गई है, जो भविष्य के स्पेस मिशनों के लिए उपयोगी साबित होगी।
फायदा
इस मिशन से क्या मिलेगा फायदा?
चंद्रयान-5 मिशन से भारत को चंद्रमा की सतह, वहां मौजूद खनिजों और पर्यावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
यह मिशन भविष्य में चंद्रमा पर स्थायी आधार बनाने के प्रयासों में मदद करेगा। जापान के साथ सहयोग से भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी को और मजबूती मिलेगी।
मिशन भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करेगा, जो चंद्रमा से नमूने वापस लाने की तकनीक विकसित कर रहे हैं। इससे भारत की वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में पहचान और मजबूत होगी।