
ESA का हेरा मिशन क्या है और क्या है इसका उद्देश्य?
क्या है खबर?
स्पेस-X आज (7 अक्टूबर) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के हेरा मिशन को लॉन्च करने वाली है। इस मिशन को फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से आज रात 08:22 बजे फ्लोरिडा स्थित के कैनावेरल स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा।
हेरा मिशन एक ऐसा मिशन है, जो पृथ्वी से एस्ट्रोयड के संभावित टक्कर को रोकने में मदद करेगा। यह नासा के डबल एस्ट्रोयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) मिशन द्वारा डाइमॉर्फोस पर की गई टक्कर के प्रभावों का विश्लेषण करेगा।
उद्देश्य
क्या है इस मिशन का उद्देश्य?
हेरा मिशन का उद्देश्य पृथ्वी को छोटे एस्ट्रोयड के टकराव से बचाने की संभावनाओं पर काम करना है। यह DART मिशन से जुड़े प्रभावों का अध्ययन करेगा, जिसमें डाइमॉर्फोस नामक छोटे चंद्रमा से जानबूझकर टकराया गया था।
बता दें कि डाइमॉर्फोस चंद्रमा डिडिमोस एस्ट्रोयड की परिक्रमा करता है।
हेरा मिशन इस टकराव के बाद के प्रभावों, जैसे एस्ट्रोयड की दिशा और संरचना में बदलाव का विश्लेषण करेगा, ताकि भविष्य में पृथ्वी की सुरक्षा के लिए योजना बनाई जा सकें।
तरीका
प्रभावों को कैसे जाना जाएगा?
हेरा मिशन में छोटे सैटेलाइट्स (क्यूबसैट्स) का उपयोग किया जाएगा, जो एस्ट्रोयड की सतह के नजदीक जाकर अध्ययन करेंगे और उसकी सतह का मानचित्र बनाएंगे।
इन सैटेलाइट्स से मिली जानकारी से एस्ट्रोयड की आंतरिक संरचना, सतह की विशेषताएं और घनत्व का विश्लेषण किया जाएगा।
इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि टक्कर के प्रभावों से एस्ट्रोयड कैसे बदलते हैं, जो भविष्य में एस्ट्रोयड से निपटने की रणनीतियों को और बेहतर बनाएगा।
DART
DART मिशन क्या था?
DART मिशन नासा का ऐसा पहला मिशन था, जिसका उद्देश्य किसी एस्ट्रोयड की दिशा बदलना था। 2021 में एक अंतरिक्ष यान को डाइमॉर्फोस नामक छोटे चंद्रमा से टकराया गया।
इस प्रयोग के तहत अंतरिक्ष एजेंसी को यह जांचना था कि टक्कर से एस्ट्रोयड की कक्षा में बदलाव हो सकता है या नहीं, ताकि भविष्य में पृथ्वी से टकराने वाले खतरनाक एस्ट्रोयड को रोकने की तकनीक विकसित की जा सके।
यह मिशन ग्रह सुरक्षा के लिए अहम था।