स्मार्टफोन में कैसे हो जाता है ब्लास्ट और क्यों लगती है आग?
क्या है खबर?
स्मार्टफोन्स हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं और हर जगह मौजूद हैं।
परेशानी की बात यह है कि नए से नए स्मार्टफोन में ब्लास्ट की खबरें आए दिन सामने आती हैं।
हाल ही में वनप्लस के कुछ फोन्स में ब्लास्ट के मामले सामने आए हैं, जो स्मार्टफोन्स के सुरक्षित होने पर सवाल खड़े करते हैं।
आइए समझते हैं कि स्मार्टफोन्स में ब्लास्ट होने या आग लगने के मामले क्यों सामने आते हैं और इनसे बचने का तरीका क्या है।
ब्लास्ट
स्मार्टफोन की बैटरी में होते हैं ब्लास्ट
स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले ढेरों कंपोनेंट्स में बैटरी भी शामिल है, जो इलेक्ट्रिसिटी स्टोर करने का काम करती है।
हर बार स्मार्टफोन में ब्लास्ट होने या आग लगने का संबंध डिवाइस की बैटरी से ही होता है।
इस बैटरी के ज्यादा गर्म होने या इसपर दबाव पड़ने के चलते ब्लास्ट हो सकता है। हालांकि, ऐसा अलग-अलग वजहों से हो सकता है।
अच्छी बात यह है कि पहले के मुकाबले ऐसे मामले अब कम सामने आते हैं।
टेक
ऐसे काम करती है स्मार्टफोन बैटरी
स्मार्टफोन्स में लीथियम-आयन बैटरी इस्तेमाल की जाती है, जिसमें एक या एक से ज्यादा पावर जेनरेशन कंपार्टमेंट्स या सेल्स होते हैं।
हर सेल में पॉजिटिव इलेक्ट्रोड, नेगेटिव इलेक्ट्रोड और उनके बीच में इलेक्ट्रोलाइट कैमिकल होता है।
इलेक्ट्रोलाइट कैमिकल की परत बैटरी के इलेक्ट्रोड्स को एकदूसरे से अलग रखती है क्योंकि आपस में मिलने पर इनमें प्रतिक्रिया होती है।
यह प्रतिक्रिया चिंगारी के तौर पर दिखती है और फोन में आग लग जाती है।
वजह
दबाव और तापमान इसके लिए जिम्मेदार
बैटरी में आग लगने के लिए इसके तापमान में बदलाव और इसपर पड़ने वाला दबाव जिम्मेदार होते हैं।
यानी कि अगर बैटरी एक हद से ज्यादा गर्म हो रही है या फिर इसपर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ रहा है तो इसमें ब्लास्ट हो सकता है।
इन दोनों ही स्थितियों में इलेक्ट्रोलाइट परत को नुकसान पहुंच सकता है।
जरूरी है कि मोबाइल डिवाइस को अनावश्यक दबाव से बचाया जाए और ध्यान रखा जाए कि वह ज्यादा गर्म ना हो।
मामले
अक्सर चार्ज होते वक्त होता है फोन में ब्लास्ट
जरूरी सवाल यह है कि फोन की बैटरी का तापमान कब बढ़ सकता है और चार्जिंग के दौरान ऐसा सामान्य रूप से होता है।
फोन को हमेशा उसके साथ मिलने वाले चार्जर से ही चार्ज करने की सलाह दी जाती है, जिससे उसकी बैटरी को मिलने वाला चार्ज सीमित और तय मात्रा में हो।
गलत या सस्ता चार्जर इस्तेमाल करने पर बैटरी ओवरचार्ज हो सकती है, जो उसमें आग लगने की वजह बनता है।
डिजाइन
पहले से बेहतर हुए और बदले हैं स्मार्टफोन
स्मार्टफोन्स में अब निकलने वाली बैटरी नहीं मिलती और उसे फोन की बॉडी का हिस्सा बनाया जाता है।
इस तरह बैटरी से छेड़छाड़ की गुंजाइश ना के बराबर हो जाती है और केवल आधिकारिक सर्विस सेंटर पर उसे बदला जा सकता है।
डिजाइन से जुड़े इनोवेशंस के चलते स्मार्टफोन्स पतले हुए हैं और बैटरी टेक में बदलाव का दबाव भी कंपनियों पर आया है।
कई बार ऐसे बदलाव भी बैटरी में आग लगने के लिए जिम्मेदार बनते हैं।
सावधानी
इन बातों का ध्यान रखा तो बचे रहेंगे आप
कभी भी डिवाइस को उसके साथ दिए गए आधिकारिक चार्जर के अलावा थर्ड-पार्टी चार्जर से ना चार्ज करें।
ध्यान रहे कि फोन ज्यादा गर्म ना हो या फिर किसी वजह से उसपर दबाव ना पड़े।
ऐसा फोन को तकिए के नीचे रखकर सोने या रातभर चार्ज करने से भी हो सकता है।
फोन खराब होने की स्थिति में हमेशा आधिकारिक सर्विस सेंटर से ही रिपेयर करवाना चाहिए और थर्ड-पार्टी रिपेयर से बचना चाहिए।
न्यूजबाइट्स प्लस
सैमसंग फ्लैगशिप फोन पर लगा था बैन
साल 2016 में साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग के नोट डिवाइस में ब्लास्ट और आग लगने के कई मामले सामने आने के बाद उसपर बैन तक लगाया गया था।
गैलेक्सी नोट 7 के साथ यात्रियों को हवाई यात्रा की अनुमति नहीं थी।
बाद में सैमसंग ने इस फोन की मैन्युफैक्चरिंग सस्पेंड कर दी, सभी यूनिट्स वापस मंगवाए और ग्राहकों को पूरा रिफंड दिया था।
इस मामले के बाद सभी कंपनियां स्मार्टफोन्स मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सतर्क हो गई हैं।