स्पेस-X अगले हफ्ते लॉन्च करेगी भारतीय स्टार्टअप दिगंतारा का 'SCOT' सैटेलाइट, जानिए क्या करेगा यह काम
क्या है खबर?
स्पेस-X इस महीने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप दिगंतारा के स्पेस क्लाइमेट एंड ऑब्जेक्ट ट्रैकर (SOCT) सैटेलाइट को लॉन्च करने वाली है।
SCOT सैटेलाइट अमेरिका के कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए 14 जनवरी को लॉन्च होगा। इस सैटेलाइट को स्पेस-X को सौंप दिया गया है और यह लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है।
बता दें कि दिगंतारा अंतरिक्ष में वस्तुओं को ट्रैक करने और स्पेस सिचुएशनल असेसमेंट (SSA) सेवाएं प्रदान करती है।
काम
SCOT सैटेलाइट का काम क्या है?
SCOT सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में घूमते मलबे और वस्तुओं की निगरानी करेगा। यह सटीक डाटा प्रदान करेगा, जिससे अंतरिक्ष में वस्तुओं की स्थिति को ट्रैक करना आसान होगा।
सैटेलाइट इन-सीटू ऑब्जेक्ट सर्विलांस तकनीक से लैस होगा, जो अंतरिक्ष में किसी भी वस्तु की सही स्थिति और उसकी गति का आकलन करेगा। इसका मुख्य लक्ष्य भीड़भाड़ वाली पृथ्वी की कक्षा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना है।
दिगंतारा इसके जरिए अंतरिक्ष के स्थायी उपयोग को सुनिश्चित करना चाहती है।
डिजाइन
खतरों से सुरक्षा के लिए किया गया है डिजाइन
SCOT सैटेलाइट को अंतरिक्ष मलबे और अंतरिक्ष मौसम से होने वाले खतरों से कक्षीय संपत्तियों को बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह सटीक ट्रैकिंग से टकराव के जोखिम को कम करेगा और ऑपरेटरों को अपने सैटेलाइट्स को बचाने का समय देगा।
अंतरिक्ष मौसम से बचाव के लिए, यह सौर विस्फोटों से उत्पन्न समस्याओं पर नजर रखेगा, जो वायुमंडल को प्रभावित कर सकते हैं। सैटेलाइट वास्तविक समय में डाटादेगा, जिससे सैटेलाइट्स को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
लक्ष्य
दिगंतारा का लक्ष्य क्या है?
दिगंतारा अंतरिक्ष निगरानी के लिए बड़ा SSA डाटाबेस तैयार कर रही, जिसमें रडार, GPS, सैटेलाइट लेजर रेंजिंग सिस्टम और ऑप्टिकल टेलीस्कोप जैसे उपकरणों का उपयोग हो रहा है।
SCOT सैटेलाइट इस लक्ष्य को मजबूत करेगा। इसकी पेटेंट तकनीक से छोटे मलबे की पहचान भी संभव होगी। यह तकनीक अंतरिक्ष संचालन को सुरक्षित बनाएगी और पृथ्वी की कक्षा का संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी।
दिगंतारा का उद्देश्य है कि अंतरिक्ष का इस्तेमाल लंबे समय तक व्यवस्थित तरीके से हो सके।