पोलारिस डॉन: स्पेस-X के इस अंतरिक्ष मिशन को क्यों बताया जा रहा ऐतिहासिक?
एलन मस्क के स्वामित्व वाली अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-X ने पोलारिस डॉन अंतरिक्ष मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। पोलारिस डॉन मिशन का दल बीते दिन (15 सितंबर) सुबह सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लौट आया है। मिशन को पिछले हफ्ते 10 सितंबर को फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से नासा के कैनेडी स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया गया था। इस अंतरिक्ष मिशन को एक ऐतिहासिक मिशन कहा जा रहा है।
क्यों ऐतिहासिक है पोलारिस डॉन मिशन?
पोलारिस डॉन मिशन को एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन कहा जा रहा, क्योंकि इसने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। स्पेस-X ने इस मिशन के तहत नासा के एक पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपने ड्रैगन अंतरिक्ष यान को 1,400 किलोमीटर की ऊंचाई के साथ एक अंडाकार कक्षा में पहुंचाया। इस ऊंचाई पर पहुंचकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने 1966 में नासा के जेमिनी 11 मिशन के तहत 1,373 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
पहले निजी स्पेसवॉक का रिकॉर्ड
पोलारिस डॉन मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों ने इतिहास का पहला निजी स्पेसवॉक भी सफलतापूर्वक पूरा किया। इस मिशन पर ड्रैगन कैप्सूल में 4 अंतरिक्ष यात्री भेजे गए थे, जिसमें जेरेड इसाकमैन, स्कॉट पोटेट, सारा गिलिस और अन्ना मेनन शामिल थी। स्पेसवॉक को 12 सितंबर को पूरा किया गया था। इस दौरान मिशन के 2 अंतरिक्ष यात्रियों (जैरेड और गिलिस) ने बारी-बारी अंतरिक्ष यान से बाहर होकर कुछ मिनट तक स्पेसवॉक किया।
यह रिकॉर्ड भी बना
पोलारिस डॉन मिशन के तहत ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी से 1,400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचा, जिसे मिशन के सदस्यों में शामिल गिलिस और मेनन अंतरिक्ष में सबसे ऊंचाई पर पहुंचने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गईं। इसके साथ ही गिलिस ने जब अपना स्पेसवॉक पूरा किया तो वह किसी निजी अंतरिक्ष मिशन पर स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री भी बन गईं। इस मिशन के तहत करीब 50 साल बाद इंसान अंतरिक्ष में उतनी ऊंचाई पर पहुंचे थे।