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ऑगमेंटेड रिएलिटी में देख पाएंगे दुनिया, लॉन्च हुए स्नैपचैट के AR ग्लासेज

ऑगमेंटेड रिएलिटी में देख पाएंगे दुनिया, लॉन्च हुए स्नैपचैट के AR ग्लासेज

May 21, 2021
09:01 pm

क्या है खबर?

स्नैपचैट की ओर से इसके पहले ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) ग्लासेज स्नैपचैट पार्टनर समिट के दौरान लॉन्च कर दिए हैं। इन AR ग्लासेज की मदद से क्रिएटर्स अपने लेंस और फिल्टर्स सीधे असली दुनिया की चीजों पर आजमाकर देख पाएंगे और यूजर्स को इमर्सिव AR एक्सपीरियंस देने के नए तरीके खोज पाएंगे। हालांकि, स्नैपचैट के ग्लासेज केवल AR क्रिएटर्स के लिए लाए गए हैं और मार्केट में सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।

AR ग्लासेज

असली दुनिया में स्नैपचैट के लेंस

स्नैपचैट की ओर से लॉन्च किए गए नए AR ग्लासेज की मदद से असली दुनिया में स्नैपचैट लेंसेज अप्लाई किए जा सकेंगे। ऐसा करने के लिए इसमें दोनों आंखों के सामने ड्यूल 3D वेवगाइड डिस्प्लेज दिए गए हैं और 2.63 डिग्री फील्ड ऑफ व्यू मिलता है। स्नैपचैट के नए AR ग्लासेज स्नैपचैट स्पाटियल इंडन का इस्तेमाल करेगी, जो क्रिएटर्स को 6-डिग्रीज ऑफ फ्रीडम एंड हैंड, मार्कर और सरफेस ट्रैकिंग का विकल्प देता है।

ब्लॉग

तेज रोशनी में भी मिलेगा AR का अनुभव

स्नैपचैट ने एक ब्लॉग पोस्ट में नए AR ग्लासेज के बारे में बताया है। स्नैपचैट के मुताबिक, "लेंस AR ग्लासेज की मदद से सामने दिख रहे फील्ड ऑफ व्यू में लेंस तेजी से रिएक्ट करते हैं और केवल 15 मिलीसेकेंड मोशन टू फोटो लेटेंसी मिलती है।" यूजर्स को घर से बाहर तेज रोशनी में भी ऑगमेंटेड रिएलिटी का अनुभव मिल सके, इसके लिए इस ग्लास के डिस्प्ले 2000nits तक ब्राइटनेस तक अपने आप एडजस्ट कर लेगा।

फीचर्स

ऐसे हैं नए AR ग्लास के स्पेसिफिकेशंस

स्नैपचैट AR ग्लास में दो RGB कैमरे, चार बिल्ट-इन माइक्रोफोन्स और दो स्टीरियो स्पीकर्स दिए गए हैं। इसके अलावा कंट्रोल्स के लिए इसमें एक टचपैड भी दिया गया है। पावरफुल परफॉर्मेंस के लिए इन ग्लासेज में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन XR1 प्लेटफॉर्म मिलता है और ये वियरेबल डिजाइन के साथ आते हैं। कंपनी ने बताया है कि इनका वजन केवल 134 ग्राम है, यानी कि लंबे वक्त तक इन्हें पहनने पर थकान नहीं महसूस होगी।

AR

क्या होती है ऑगमेंटेड रिएलिटी?

ऑगमेंटेड रिएलिटी या फिर AR पिछले कुल साल से काफी चर्चा में रहा है और इसके साथ सामान्य दुनिया में कुछ फन या क्रिएटिव एलिमेंट्स ऐड किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए फोन के कैमरा की मदद से चेहरे पर लगाए जाने वाले फिल्टर्स इसका हिस्सा हैं। इसके अलावा वर्चुअल फर्नीचर या किसी सामान का 3D मॉडल खाली कमरे में रखकर देखा जा सकता है। इस टेक के स्मार्टफोन ऐप्स बेहतर यूजर एक्सपीरियंस के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।